मुख्यमंत्री गहलोत का बड़ा फैसला: कोरोना से अनाथ बच्चों का सहारा बनेगी सरकार

Mukhyamantri corona baal kalyan yojana

जयपुर। राजस्थान की गहलोत सरकार कोरोना से अनाथ हुए बच्चों का सहारा बनेगी। इसके लिए सरकार ने मुख्यमंत्री कोरोना बाल कल्याण योजना का ऐलान किया है। इस योजना के तहत अनाथ हो चुके बच्चों को 18 साल तक हर माह आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही 18 साल की उम्र पूरी होने पर ऐसे बच्चों को एकमुश्त 5 लाख रुपए दिए जाएंगे। इस योजना में उन विधवा महिलाओं के लिए सहायता का एलान किया है, जो इस महामारी की वजह से अपना पति खो चुकी है। अंतरराष्ट्रीय बालश्रम निषेध दिवस के अवसर पर आयोजित वेबीनार को संबोधित करने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस पैकेज का एलान किया।

ये मिलेंगी सुविधाएं
कोरोना के कारण माता-पिता दोनों को अथवा एकल जीवित माता या पिता को खोने वाले बेसहारा बच्चों को मुख्यमंत्री कोरोना बाल कल्याण योजना के तहत तत्काल सहायता के रूप में एक लाख रुपए का एकमुश्त अनुदान तथा 18 वर्ष पूरे होने तक ढ़ाई हजार रुपए की राशि प्रतिमाह दी जाएगी। अनाथ बालक-बालिका के 18 वर्ष की उम्र होने पर उसे 5 लाख रुपए एकमुश्त सहायता दी जाएगी। ऐसे बच्चों को 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की सुविधा आवासीय विद्यालय अथवा छात्रावास के माध्यम से नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाएगी।

विधवाओं और उसके बच्चों के लिए ये सुविधा
कोरोना से जिन महिलाओं के पति की मृत्यु हो गई और वह विधवा हो गई उनके लिए भी इस योजना में सहायता का प्रावधान रखा है। इसके तहत विधवा महिला को एकमुश्त एक लाख रुपए की राशि तत्काल उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही 1500 रुपए महीना पेंशन दी जाएगी। ये पेंशन सभी आयु की विधवाओं को दी जाएगी। इन विधवा महिला के अगर बच्चे है तो उनके लिए अलग से 1000 रुपए प्रतिमाह और स्कूल की किताबें और ड्रेस खरीदने के लिए सालाना 2000 रुपए दिए जाएंगे।

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कॉलेज में पढ़ने वाली छात्राओं को सरकार की ओर से संचालित छात्रावासों में प्राथमिकता से प्रवेश दिया जाएगा, जबकि कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों को आवासीय सुविधा के लिए अम्बेडकर DBT वाउचर योजना का लाभ दिया जाएगा। साथ ही जो युवा बेरोजगार हैं, उन्हें मुख्यमंत्री युवा संबल योजना के तहत बेरोजगारी भत्ता दिए जाने में प्राथमिकता दी जाएगी।

आपको बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर में एक मात्र सहारा छिन जाने से कई बच्चे बेसहारा हो चुके हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ऐसे बच्चों के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए इनके लिए पैकेज तैयार करने के निर्देश दिए थे। कोटा में प्रवास के दौरान पिछले दिनों स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने सरकार की ओर से अनाथ बच्चों के लिए मदद की योजना बनाने की घोषणा की थी।