जयपुर
राजधानी जयपुर (Jaipur) के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल SMS मेडिकल कॉलेज में गुरुवार को एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) ने एक ऐसी कार्रवाई की जो पूरे मेडिकल जगत में झटका बनकर गूंजी।
एसीबी ने न्यूरो सर्जरी विभाग के एचओडी और एडिशनल प्रिंसिपल डॉ. मनीष अग्रवाल को एक लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया।
कैसे फंसे ‘डॉ. रिश्वतचंद’?
जानकारी के मुताबिक एसीबी को शिकायत मिली थी कि डॉ. मनीष अग्रवाल, न्यूरो सर्जरी में इस्तेमाल होने वाले ब्रेन कॉइल्स की सप्लाई करने वाले एक सप्लायर से बिल पर काउंटर सिग्नेचर करने के बदले घूस मांग रहे हैं।
शिकायत के बाद जब एसीबी ने चुपचाप जांच कराई तो मामला पूरी तरह सही निकला। फर्म के 12.30 लाख रुपए के बकाया बिल का भुगतान अटका हुआ था।
इसके बाद एसीबी की टीम ने जाल बिछाया — और गुरुवार (9 अक्टूबर) को डॉ. अग्रवाल को एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया।
ऑपरेशन के बाद पूछताछ तेज़
एसीबी की टीम अब आरोपी डॉक्टर से पूछताछ कर रही है कि मेडिकल कॉलेज के अन्य कितने अधिकारी इस रैकेट में शामिल हैं।
सूत्रों के मुताबिक, डॉक्टर के आवास और अन्य ठिकानों पर छापे की तैयारी भी की जा रही है, ताकि रिश्वतखोरी के नेटवर्क की गहराई तक जांच की जा सके।
सरकारी अस्पताल के इतने वरिष्ठ डॉक्टर के रिश्वत लेते पकड़े जाने से मरीजों और मेडिकल स्टाफ में भी नाराज़गी है।
लोगों का कहना है — “जिसका काम इलाज करना था, वो खुद लालच की बीमारी में गिर पड़ा।”
तेज़ तथ्य (Quick Highlights)
एसीबी ने SMS मेडिकल कॉलेज के न्यूरो सर्जरी HOD को पकड़ा
1 लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार
ब्रेन कॉइल सप्लाई के बिल पर सिग्नेचर के एवज में मांगी थी रिश्वत
एसीबी ने डॉक्टर के ठिकानों पर छापेमारी की तैयारी शुरू की
मेडिकल कॉलेज प्रशासन में हड़कंप, कई डॉक्टरों से पूछताछ की संभावना
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वर्दी में दलाली का धंधा | ASI 50 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा, पहले भी ले चुका था 35 हजार
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