CGHS की तर्ज पर शुरू हुई RGHS योजना, 2004 के बाद नियुक्त कार्मिकों को मिलेगा 10 लाख तक का कैशलेस इलाज

जयपुर 


राजस्थान के 13 लाख सरकारी कर्मचारियों को होगा फायदा 


राजस्थान सरकार ने केन्द्र सरकार की सेन्ट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (CGHS) की तर्ज पर बेहतर चिकित्सा सुविधा देने के उद्देश्य से राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (आरजीएचएस) को प्रथम चरण में 1 जुलाई से लागू करने की मंजूरी दे दी है। इससे राज्य में विधायकों, पूर्व विधायकों सहित राज्य सरकार, निकायों, बोर्ड एवं निगमों के कार्मिकों तथा पेंशनर्स को बेहतर सुविधा मिल सकेगी।

इस योजना के लागू होने से वर्ष 2004 के बाद नियुक्ति पाने वाले सरकारी कर्मचारियों को अब दस लाख रुपए तक कैशलेस इलाज की सुविधा मिलेगी। राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (आरजीएचएस) को लागू करने के बाद प्रदेश के करीब तेरह लाख सरकारी कर्मचारियों के परिवारों को इसका लाभ मिलेगा।

दस लाख रुपए तक कैशलेस इलाज की सुविधा राज्य के सभी गर्वमेंट हॉस्पिटल, अनुमोदित प्राइवेट हॉस्पिटल और जांच केंद्रों पर मिलेगी। यहां 1 जनवरी 2004 के पश्चात नियुक्त कार्मिकों को विकल्प लेने पर पांच लाख रुपए तक की कैशलेस आईडीपी उपचार सुविधा, क्रिटिकल बीमारियों के लिए पांच लाख रुपए तक की अतिरिक्त चिकित्सा सुविधा और 20 हजार रुपए तक की आउटडोर चिकित्सा सुविधा मिल सकेगी। जिन कार्मिकों को वर्तमान में तीन लाख रुपए तक के बीमा धन की सीमा में केवल आईपीडी की सुविधा उपलब्ध है, उन्हें आरजीएचएस में यह सुविधा निशुल्क मिलेगी।

स योजना के तहत करीब 13 लाख परिवारों को इनडोर, आउटडोर एवं जांचों की कैशलैस  चिकित्सा सुविधा सभी राजकीय चिकित्सालयों, अनुमोदित निजी चिकित्सालयों एवं निजी जांच केंद्रों में प्रदान की जाएगी। दिनांक एक जनवरी, 2004 के पूर्व नियुक्त कार्मिकों एवं पेंशनरों को असीमित मात्रा में आउटडोर सुविधा मिलेगी। वहीं एक जनवरी, 2004 के पश्चात नियुक्त कार्मिकों को विकल्प लेने पर 5 लाख रुपए तक की कैशलैस आईपीसी उपचार सुविधा, क्रिटिकल बीमारियों के लिए 5 लाख रुपए तक की अतिरिक्त चिकित्सा सुविधा तथा 20 हजार रुपए तक की वार्षिक सीमा की आउटडोर चिकित्सा सुविधा का लाभ भी मिल सकेगा। जिन कार्मिकों को वर्तमान में 3 लाख रुपए तक के बीमाधन की सीमा में केवल आईपीडी की सुविधा उपलब्ध है, उन्हें RGHS में भी यह सुविधा पूर्व की भांति निःशुल्क प्राप्त करने का विकल्प भी मिलेगा।

वेतन से होगी अंशदान कटौती
इस योजना में प्रति कर्मचारी  6100 रुपए वार्षिक अंशदान के रूप में 793 करोड़ रुपए सरकार खर्च करेगी। सरकार ने इसकी मंजूरी भी दे दी है। जो कर्मचारी पांच लाख रुपए से कम की कैशलेस आईपीडी उपचार सुविधा  तथा क्रिटिकल बीमारियों के पांच लाख रुपए की अतिरिक्त चिकित्सा सुविधा और बीस हजार रुपए तक की आउटडोर चिकित्सा सुविधा लेना चाहते हैं, उनसे आरपीएमएफ की निर्धारित दरों से लिए जाने वाले अंशदान के पचास प्रतिशत कम अंशदान की ही वेतन से कटौती की जाएगी।

साढ़े पांच लाख लाभार्थी परिवारों का हुआ
पंजीयन इस योजना में न्यायिक एवं अखिल भारतीय सेवा में कार्यरत एवं सेवानिवृत अधिकारियों, 1 जनवरी 2004 से पूर्व नियुक्त एवं इसके पश्चात नियुक्त राज्य सरकार के कर्मचारियों व पेंशनर्स तथा स्वायतशासी संस्थाओं, पांचों बिजली कंपनियों, आरईआईएसएल, आरएमएमएम तथा जयपुर मेट्रों के करीब साढ़े पांच लाख लाभार्थी परिवारों का पंजीयन आरजीएचएस पोर्टल पर हो चुका है।
प्रथम चरण में पंजीकृत लाभार्थियों को आईपीडी एवं डे- केयर ही कैशलेस सुविधा उपलब्ध कराई जाएंगी।

इस योजना और हेल्थ इंश्योरेंस में अंतर
आपको बता दें कि वर्तमान में कई प्राइवेट बीमा कंपनियां उक्त दर की तुलना में काफी अधिक प्रीमियम दर पर सीमित कवर की पारिवारिक स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी जारी कर रही है, जिनमें कई मेडिकल खर्च उनके स्वास्थ्य बीमा प्लान में शामिल नहीं होते। जैसे ओपीडी और रुटीन चैकअप के लिए अलग से खर्च करना पड़ता है। वहीं, लाइफ सपोर्ट मशीनों का खर्च भी अलग से होता है। इस योजना में ये सब शामिल है। यहां तक कि कोरोना और ब्लैक फंगस जैसी महामारी भी इसमें शामिल है। अन्य कंपनियों में इन बीमारियों के लिए अलग से प्रीमियम देना पड़ता है।
RGHS में राज्य सरकार के सभी पेंशनरों को उक्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। गहलोत सरकार ने वर्ष 2021-22 के राज्य बजट में सीजीएचएस के अनुरूप  राजस्थान गवर्नमेंट हैल्थ स्कीम लागू करने की घोषणा की थी।




 

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