भरतपुर
‘फेंको मत, हमें दो’ — यही संदेश लेकर रविवार को बाल अधिकारिता विभाग की अनोखी ई-रिक्शा रैली ने भरतपुर शहर का दिल छू लिया। यह जन-जागरूकता अभियान नवजात शिशुओं को लावारिस छोड़ने की घटनाओं को रोकने और समाज में जिम्मेदारी का भाव जगाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया।
बाल अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक अमित अवस्थी ने बताया कि जिला बाल संरक्षण इकाई एवं विभाग के संयुक्त तत्वावधान में यह रैली राजेन्द्र नगर स्थित कार्यालय से रवाना हुई, जिसे वरिष्ठ सहायक दुर्गेश पचौरी ने हरी झंडी दिखाकर शुरू किया। रैली शहर के मुख्य मार्गों से होकर निकली और लोगों से अपील की गई कि —
“अगर किसी कारणवश कोई शिशु पालन में असमर्थ है, तो उसे फेंकने की बजाय सुरक्षित रूप से पालना गृह जनाना हॉस्पिटल मोरी चार बाग या नारी निकेतन परिसर में छोड़ दें।”
अधिकारियों ने बताया कि शिशु को पालना गृह में छोड़ने वाले की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी, और ऐसे नवजातों की देखरेख व सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की होगी।
साथ ही यह भी जानकारी दी गई कि कोई भी व्यक्ति कानूनी प्रक्रिया के तहत बच्चों को गोद ले सकता है। यदि किसी को लावारिस या बेसहारा बच्चा दिखाई दे, तो तुरंत चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 या पुलिस कंट्रोल रूम 100/112 पर सूचना दें। इस दौरान विभाग के विकास चतुर्वेदी, चाइल्ड हेल्पलाइन कोऑर्डिनेटर प्रेमराज परनामी सहित पूरी टीम मौजूद रही।
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