भरतपुर
भगवताचार्या रतिदासी जी ने कहा कि भक्ति से ही मानव जीवन को मुक्ति मिल सकती है। भक्ति से भगवान ही नहीं, व्यक्ति का भी मन प्रसन्न होता है। वे मंगलवार को शहर की खण्डेलवाल धर्मशाला में चल रही भागवत कथा के तीसरे दिन कथा वाचन कर रही थीं।
खण्डेलवाल महिला मंडल के बैनर तले हो रही भागवत कथा में उन्होंने कहा, ब्रह्म का पालन करना ही ब्राह्मण का मूल धर्म है। इस मौके पर उन्होंने एकादशी का महत्व बताते हुए कहा कि एकादशी के दिन अन्न ग्रहण करना ठीक नहीं। उन्होंने उपस्थित भक्तों से एकादशी का उपवास रखने और सिर्फ फलाहार करने का आह्वान भी किया।
उन्होंने बहु-बेटियों में भेद नहीं का आग्रह करते हुए कहा कि बहु के पीहर से सिर्फ मांगने की अपेक्षा करना उचित नहीं।
महिला मंडल की मीडिया प्रभारी सोनू खण्डेलवाल ने बताया कि संगीतमय कथा के दौरान भगवताचार्या रतिदासी जी ने भजन सुनाकर भी श्रद्धालुओं को भक्ति का महत्व समझाया।
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