निजीकरण के खिलाफ बैंककर्मियों ने किया प्रदर्शन, 15 और 16 मार्च को रहेंगे हड़ताल पर

जयपुर 

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यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के देशव्यापी आह्वान  के तहत बैंकों के  निजीकरण के विरोध में राजस्थान के विभिन्न जिलों में भी बैंककर्मियों ने 12 मार्च को प्रदर्शन किया। जयपुर में प्रदर्शन अंबेडकर सर्किल के पास बीमा निधि परिसर में शाम को किया गया। प्रदर्शन के दौरान बैंककर्मी बैंकों के  निजीकरण के खिलाफ नारे लगा रहे थे। इस प्रदर्शन में महिला बैंककर्मी भी बड़ी संख्या में शामिल हुईं। सोमवार 15 मार्च और मंगलवार 16 मार्च को यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन की ओर से सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों में हड़ताल का भी आह्वान किया गया है। इस मौके पर सभा को बैंक कर्मचारी नेता और यूनियन के संयोजक महेश मिश्रा ने संबोधित किया। सभा में  उन्होंने कहा कि अब यह आन्दोलन निर्णायक होगा। उन्होंने बैंककर्मियों से 15 मार्च और 16 मार्च को होने वाली हड़ताल को सफल बनाने की अपील की।

हड़ताल में देशभर के 10 लाख कर्मचारी और अधिकारी लेंगे हिस्सा
आपको बता दें कि सरकारी बैंकों के निजीकरण के प्रस्ताव के खिलाफ यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) ने 15 मार्च से दो दिन की हड़ताल का आह्वान किया है। यूएफबीयू नौ बैंक यूनियनों का संयुक्त मंच है। हड़ताल में बैंकों के करीब 10 लाख कर्मचारी और अधिकारी हिस्सा लेंगे। आल इंडिया बैंक एम्पलायीज एसोसियेसन (एआईबीईए) के महासचिव सी. एच. वेंकटचलम ने एक वक्तव्य में कहा कि 4,9 और 10 मार्च को मुख्य श्रम आयुक्त के साथ हुई समाधान बैठक में कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला। ‘इसलिए 15 और 16 मार्च,2021 को लगातार दो दिन हड़ताल का फैसला किया गया है। यूनाइटेड फ्रंट और बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) में आल इंडिया बैंक एम्पलायीज एसोसियेसन (एआईबीईए) आल इंडिया बैंक आफीसर्स कन्फेडरेशन (एआईबीओसी) नेशनल कन्फेडरेशन आफ बैंक एम्पलायीज (एनसीबीई) आल इंडिया बैंक आफीसर्स एसोसियेसन (एआईबीओए) और बैंक एम्पलायीज कन्फेडरेशन आफ इंडिया (बीईएफआई) शामिल हैं।





 

चार दिन रहेगा बैंकों में कामकाज ठप
हड़ताल के कारण बैंकों में लगातार चार दिन कामकाज ठप रहेगा। क्योंकि, शनिवार से मंगलवार तक बैंक लगातार बंद रहेंगे। शनिवार को सभी बैंकों में दूसरे शनिवार का अवकाश है। अगले दिन रविवार है। इसके अलावा सोमवार 15 मार्च और मंगलवार 16 मार्च को यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन की ओर से सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों में हड़ताल का आह्वान किया गया है। ज्यादातर बैंक अपने ग्राहकों को इस बारे में सूचित कर चुके हैं। उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले महीने पेश आम बजट में सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण का प्रस्ताव रखा है। सरकार ने अगले वित्त वर्ष में विनिवेश के जरिए बड़ी राशि जुटाने का प्रस्ताव किया है। सरकार इससे पहले आडीबीआई बैंक में अपनी अधिकांश की हिस्सेदारी भारतीय जीवन बीमा निगम को बेच चुकी है। पिछले चार साल में सार्वजनिक क्षेत्र के 14 बैंकों का विलय किया जा चुका है। बैंक यूनियन सर्कार की इसी नीति का विरोध कर रही हैं।





 

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