सचिन खेमे का गहलोत खेमे पर बड़ा प्रहार; निर्दलीयों और बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों को क्या हिस्सा दे दिया, संगठन ही उन्हें सौंप दिया

जयपुर 


गहलोत विरोधियों का दिल्ली में डेरा, कांग्रेस में तकरार चरम पर


पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट खेमे ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खेमे पर अब तक का सबसे बड़ा प्रहार किया है। प्रहार करने वाले सचिन खेमे के ज्यादातर वे नेता हैं जो पिछले चुनावों में निर्दलीयों से या फिर बसपा के उम्मीदवारों से पराजित हो गए थे और बाद में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इनको कांग्रेस की तरफ मिलवा लिया और अब इन्हीं के कंधे पर बन्दूक रख कर पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट पर चलवाई जा रही है।

इसी से भड़के सचिन खेमे के समर्थकों ने गहलोत पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि 19 सीटों पर हम कांग्रेस के टिकट पर 13 निर्दलीयों और छह बसपा से कांग्रेस में आए उम्मीदवारों से हारे। उन्होंने कहा कि सरकार बनाने के लिए इनको कांग्रेस में मिला लिया, यहां तक तो ठीक था, पर जिन लोगों ने पार्टी को हराया उन लोगों ने पार्टी संगठन पर ही कब्जा कर लिया। उन्होंने कहा कि हमारी और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की सरकार-संगठन दोनों जगह अनेदखी हो रही है। इन सीटों पर हरवाने वालों को सब कुछ सौंपना गलत है।

पायलट समर्थक नेता और शाहपुरा से 2018 में कांग्रेस उम्मीदवार रहे मनीष यादव और खंडेला से उम्मीदवार सुभाष मील ने कहा, 19 सीटों पर हम कांग्रेस के टिकट पर हारे, इन सीटों पर कांग्रेस को हरवाने वाले निर्दलीय और बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों को ही सब कुछ सौंप दिया है। इन 19 विधायकों ने सरकार का समर्थन किया तो हमने स्वागत किया, लेकिन सरकार के साथ संगठन की जिम्मेदारी भी इन इलाकों में उन्हें ही सौंप दी जिन्होंने पार्टी को हराया। उन्होंने कहा कि जिन कार्यकर्ताओं ने सरकार बनाने में मेहनत की उन्हीं की अनदेखी कर पार्टी को हारने वालों को तवज्जो दी जा रही है।

जिन्होंने पार्टी को हराया, उन्हीं से करनी पड़ रही है गुहार
मनीष यादव ने कहा कि निर्दलीयों को ज्यादा तवज्जो देने से कांग्रेस के उन कार्यकर्ताओं के लिए मुश्किल स्थिति पैदा हो गई है जिन्होंने खून पसीने से पार्टी को सींचकर कर सत्ता में पहुंचाया है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को उन्हीं निर्दलीय विधायकों के आगे छोटे-मोटे कामों के लिए भी गुहार लगानी पड़ती है, जिन्होंने पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़ा था। ऐसा करने से पूरे प्रदेश में कांग्रेस कमजोर हो रही है और हम यह नहीं होने देंगे।

मनीष यादव ने कहा हमारा हाईकमान से इतना ही कहना है कि 2018 में हमें टिकट देकर कांग्रेस का चेहरा बनाकर जनता में भेजा गया, लेकिन सरकार में तो अनेदखी हो ही रही है, संगठन में भी लगातार हम अनेदखी के शिकार हैं। जिसने पार्टी के लिए काम किया उसका अलग थलग महसूस करना पार्टी के हित में नहीं है।

समर्थन देने का भरपूर फायदा उठा रहे हैं निर्दलीय
खंडेला से कांग्रेस प्रत्याशी रहे सुभाष मील ने कहा कि सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायकों ने खुली लूट मचा रखी है और जनता त्राहि-त्राहि कर रही है सरकार को समर्थन देने का सभी निर्दलीय अपने-अपने क्षेत्रों में भरपूर फायदा उठा रहे हैं हमने इस बारे में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर अवगत कराया था, लेकिन कांग्रेस के मूल कार्यकर्ताओं को अभी तक सत्ता और संगठन में वह मुकाम हासिल नहीं हो सका है जिसके वे हकदार हैं

सचिन जयपुर लौटे
इस बीच पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट दिल्ली से जयपुर लौट आए हैं। हारे हुए उम्मीदवारों में से तीन उम्मीदवार भी वापस जयपुर लौट आए हैं। मनीष यादव के साथ तीन नेता अभी भी दिल्ली ही हैं। कांग्रेस उम्मीदवार रहे रितेश बैरवा दो नेताओं के साथ जयपुर लौट आए हैं । सचिन के दिल्ली से यहां आते ही राजनीतिक सरगर्मिया शुरू हो गई हैं। सचिन अब जयपुर में ही अपने समर्थकों से मुलाकात कर रहे हैं। पर उन्होंने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। केवल उनके समर्थक ही गहलोत पर हमला बोल रहे हैं। इससे गहलोत गुट परेशान है।

सोनिया गांधी को चिट्ठी में भी बता चुके हैं अपना दर्द
आपको बता दें कि पायलट समर्थक हारे हुए उम्मीदवारों ने एआईसीसी महासचिव और  प्रदेश प्रभारी अजय माकन से मिलने के लिए दिल्ली में डेरा डाल रखा है। पर उनको मिलने का समय अभी नहीं दिया गया है। दो बार समय देने के बाद मुलाकात निरस्त कर दी गई। कांग्रेस नेताओं ने साफ ऐलान कर दिया है कि वे अजय माकन से मुलाकात किए बिना वापस नहीं लौटेंगे। कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर हार चुके पार्टी के कई नेता खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं और  इस संबंध में उन्होंने सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को चिट्ठी भी लिखी थी। अब ये नेता दिल्ली में डेरा जमाकर बैठ गए हैं। ये अब आलाकमान से आर-पार की बात करने के मूड में हैं।

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