राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी में बड़ा धमाका, मुख्य सचिव सुधांश पंत की अचानक विदाई | नए CS के लिए बड़ा मंथन, इन नामों पर चर्चा

जयपुर 

राजस्थान (Rajasthan) में देर रात ब्यूरोक्रेटिक भूचाल आ गया। प्रदेश की नौकरशाही की सबसे ताकतवर कुर्सी — मुख्य सचिव — पर बैठे सीनियर IAS सुधांश पंत (IAS Sudhansh Pant) को बीच कार्यकाल में ही हटाकर दिल्ली भेज दिया गया। यह ऑर्डर दिल्ली से मध्यरात्रि में जारी हुआ, जिससे सचिवालय में हलचल, फुसफुसाहट और तेज गहमागहमी शुरू हो गई।

सुधांश पंत, जिन्हें दिसंबर 2023 में भाजपा सरकार के आते ही राज्य का मुख्य सचिव बनाया गया था, अब सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय में बतौर सचिव कार्यभार संभालेंगे। यहाँ वे अमित यादव की जगह लेंगे, जो 30 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं। लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि सोमवार को दिन में ही पंत ने कमेटी ऑफ सेक्रेटरीज की बैठक में कहा था—

“बहुत जल्दी बड़ा धमाका होने वाला है… आप सब भौंचक्के रह जाएंगे!”

और सच में… धमाका हो गया।
रात होते ही ट्रांसफर ऑर्डर सचिवालय की चेंबर से लेकर व्हाट्सऐप ग्रुप तक आग की तरह फैल गया

अब बड़ा सवाल — कौन बनेगा नया मुख्य सचिव?

राजस्थान में अब यह सवाल सबसे बड़ा हो गया है कि सुधांश पंत के बाद मुख्य सचिव की कुर्सी किसके पास जाएगी। ब्यूरोक्रेसी की गलियारों में इस समय तीन नाम सबसे ज़्यादा जोर से उछल रहे हैं — एसीएस अभय कुमार, एसीएस अखिल अरोड़ा और एसीएस शिखर अग्रवाल।
इन तीनों के पास प्रशासनिक अनुभव भी है और सचिवालय में पकड़ भी।

अभय कुमार सबसे सीनियर हैं और अगस्त 2028 तक सेवा में हैं, इसलिए स्थिर कार्यकाल और अनुभव उनकी सबसे बड़ी ताकत माने जा रहे हैं।
अखिल अरोड़ा योजनाओं के क्रियान्वयन, बजट और फाइल-वर्क की बेहद संतुलित छवि वाले अफसर हैं, जिन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय में भरोसेमंद माना जाता है।
वहीं शिखर अग्रवाल अपनी तेज़ फाइल मूवमेंट, निर्णय लेने की क्षमता और सिस्टम पर पकड़ के लिए जाने जाते हैं, और जुलाई 2030 तक सेवा में हैं — इसलिए उनका टेन्योर सबसे लंबा बैठता है।

इन तीनों के अलावा IAS शुभ्रा सिंह और IAS सुबोध अग्रवाल के नाम भी आए, लेकिन शुभ्रा सिंह का जनवरी 2026 और सुबोध अग्रवाल का दिसंबर 2025 में रिटायरमेंट होना, उनके समीकरण को काफी कमजोर कर देता है।
इस परिस्थिति में एसीएस अपर्णा अरोड़ा का नाम भी चर्चा में है, क्योंकि वे सिविल लिस्ट में अखिल अरोड़ा से नीचे लेकिन शिखर अग्रवाल से ऊपर स्थित हैं।

उधर राजत मिश्र और तन्मय कुमार पहले से ही केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत हैं, इसलिए उन्हें लेकर संभावना बहुत कम दिखाई देती है।

मतलब साफ है —
मुख्य सचिव की कुर्सी के लिए दौड़ अब तीन ही दिग्गजों के बीच सिमट गई है:
अभय कुमार, अखिल अरोड़ा और शिखर अग्रवाल।

और अब गेंद सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय में है —
कौन चुना जाएगा?
किस पर भरोसा टिकेगा?
और ब्यूरोक्रेसी में अगला झटका कब लगेगा?

राजस्थान इंतज़ार में है।
सचिवालय सन्न है।
और फाइलें रुक के सांस ले रही हैं।

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