नई दिल्ली
अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए निधि समर्पण अभियान की शुरुआत 15 जनवरी को देश के प्रथम नागरिक राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से हो गई। कोविंद ने इस कार्य के लिए अपनी तरफ से पांच लाख एक सौ रुपए की निधि समर्पित की।
राम मंदिर तीर्थ ट्रस्ट का एक प्रतिनिधि मंडल राष्ट्रपति से मिला। ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद डगिरी महाराज ने बताया कि मैंने पहले राष्ट्रपति को कविता सुनाई और संतों ने उनसे राम मंदिर के लिए भिक्षा मांगी। संतों से मिलकर राष्ट्रपति बहुत खुश हुए और अपनी तरफ से उन्होंने राम मंदिर निर्माण के लिए पांच लाख एक सौ रुपए का चेक प्रदान किया।
हीरा कारोबारी ने दिए 11 करोड़
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक लाख रुपए दिए हैं। उधर, अहमदाबाद के हीरा कारोबारी गोविंदभाई ढोढाकिया ने राम मंदिर निर्माण के लिए 11 करोड़ रुपए दिए हैं।
योगी आदित्यनाथ ने 2 लाख और शिवसेना ने दिए 1 करोड़
राम मंदिर निर्माण के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी तरफ से 2 लाख रुपए की निधि समर्पित की। वहीं शिवसेना ने 1 करोड़ की राशि दी है। संत मोरारी बापू ने 5 करोड़ का योगदान दिया है। इसी तरह राजस्थान की राजधानी जयपुर में एसके पोद्दार ने 1 करोड़ का चेक प्रदान किया।
40 लाख कार्यकर्ता जुटाएंगे समर्पण निधि
राम मंदिर तीर्थ ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद गिरी महाराज ने बताया कि निधि समर्पण अभियान में देशभर में 40 लाख कार्यकर्ता जुटेंगे। ये कार्यकर्ता देश के चार लाख गाँवों में 11 करोड़ परिवारों तक निधि समर्पण के लिए पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि यह अभियान केवल धन संकलन नहीं बल्कि मनों को जोड़ने का अभियान है। अभियान 27 फरवरी तक चलेगा। अभियान के तहत 10, 100 और 1000 रुपए के कूपन दान देने वाले लोगों को दी जाएंगे। इन कूपनों पर अयोध्या में बनने वाले भव्य राम मंदिर की तस्वीर के साथ ही भगवान राम की छवि भी होगी। मंदिर का निर्माण 2024 तक पूरा होगा।
आयकर में मिलेगी छूट
समर्पण निधि देने वालों को आयकर की धारा 80G में छूट भी मिलेगी, इसके लिए उनको पैन कार्ड की एक फोटो कॉपी देनी होगी। इसके अतिरिक्त 20 हजार रुपए तक ही नकद स्वीकार होगा। इसके बाद फिर चेक के जरिए ही समर्पण निधि ली जाएगी।
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