ग्वालियर
आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW ) की टीम ने ग्वालियर के डीबी सिटी में रहने वाले PWD विभाग के एक इंजीनियर के घर छापा मारा तो वह बेशुमार दौलत का मालिक निकला। उसके यहां छापेमारी के दौरान अकूत संपत्ति का खुलासा हुआ है। ग्वालियर स्थित बंगले की कीमत चार करोड़ रुपए है। इसके साथ ही भोपाल और ग्वालियर में फ्लैट भी मिले हैं। अभी तक की जांच में करोड़ों की संपत्ति का खुलासा हुआ है। ईओडब्ल्यू की टीम ने नकदी, जेवरात और अन्य चीजें जप्त की हैं। यह इंजीनियर IAS-IPS अफसरों की खातिरदारी कर घूस का ‘बादशाह’ बन गया।
शुक्रवार सुबह से शुरू हुई छापे की यह कार्रवाई जारी है। अब तक की कार्रवाई में करीब 20 करोड़ की संपत्ति का खुलासा हुआ है। उसके घर से साढ़े तीन लाख से ज्यादा का कैश, 5 किलो चांदी और एक पाव सोना मिला है।
ईओडब्ल्यू की टीम ने सबसे पहले इंजीनियर के शहर की सबसे बड़ी टाउनशिप DB सिटी स्थित आलीशान मकान पर सुबह धावा बोला। इस इंजीनियर का नाम है रविंद्र सिंह कुशवाह। वह इन दिनों पीडब्ल्यूडी में एसडीओ है। उसके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की शिकायत दर्ज हुई थी। शिकायत की जांच के बाद प्रकरण पंजीबद्ध कर न्यायालय ने वारंट जारी कर दिया। इसके बाद उसके DB सिटी वाले मकान पर छापामार कार्रवाई की गई।
यहां देखिए बेशुमार दौलत की लिस्ट
डीएसपी चतुर्वेदी के मुताबिक एसडीओ रविंद्र सिंह कुशवाह पीडब्ल्यूडी ग्वालियर के संभाग क्रमांक 2 कार्यालय में पदस्थ हैं। छापामार कार्रवाई में उनके DB सिटी वाले आलीशान मकान B-14 डुप्लेक्स (जिसे ट्रिपलेक्स बनाया गया है) से शुरुआती जांच में साढ़े तीन लाख रुपए नकदी, करीब 250 ग्राम सोने के जेवरात, पांच किलो चांदी और बड़ी मात्रा में प्रॉपर्टी के कागजात मिले हैं।
एक डबल स्टोरी मकान पारस विहार कॉलोनी में भी है। वहां भी कार्रवाई की गई है। दोनों जगह कार्रवाई जारी है। सूत्रों के मुताबिक इंजीनियर रविंद्र सिंह कुशवाह के पास शहर में कई जगह प्लॉट, मकान भी हैं। इसके अलाव डबरा में मकान, दुकान, जमीन, बिलौआ में जमीन के अलावा भोपाल में भी कुछ प्रॉपर्टी है। EOW जब्त किए गए कागजात का अध्ययन कर रही है।
डबरा में उसने एक बेशकीमती जमीन खरीद रखी है। इस 75 बीघा जमीन की रजिस्ट्री के पेपर्स EOW के हाथ लगे हैं। पूछताछ में रवींद्र सिंह कुशवाह अपनी इस कमाई का सोर्स नहीं बता पाया, उसकी आय से कहीं गुना ज्यादा की संपत्ति के पेपर्स और सोने-चांदी घर से मिले हैं। SDO ने संपत्ति अपने परिजनों के नाम पर भी खरीद रखी है।
IAS, IPS और मंत्रियों को ऐसे करता था खुश
PWD में होने के कारण इस इंजीनियर ने सरकारी रेस्ट हाउस और सरकारी बंगलों को ही अपनी काली कमाई का हथियार बनाया। वह इनमें रुकने वाले मंत्री, IAS, IPS की खूब आवभगत करता और उनसे नजदीकियां बनाकर लाभ उठाता था। कभी किसी के घर की मरम्मत करा देता, तो कभी किसी के ठहरने के लिए इंतजाम कर देता। कोई अफसर मुंह नहीं खोल पाए तो वह कर्मचारी नाता भी बन बैठा। सरकारी रेस्ट हाउस और सरकारी बंगलों में रुकने वालों से वह अपना सम्पर्क बनता गया और दौलत इकट्ठी करता गया।
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