महबूबा मुफ्ती को झटके पर झटके, नहीं मिलेगा भारतीय पासपोर्ट, कोर्ट ने भी की याचिका ख़ारिज

श्रीनगर


तीन नेताओं ने पीडीपी छोड़ी


जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और PDP चीफ महबूबा मुफ्ती को झटके पर झटके लग रहे हैं। उनको 29 मार्च सोमवार को तीन लगातार झटके लगे। पहला- उनको भारतीय पासपोर्ट नहीं मिलेगा। दूसरा- इस मामले को लेकर महबूबा मुफ्ती ने अदालत का दरवाजा खटखटाया तो वहां से भी उन्हें निराशा हाथ लगी। कोर्ट ने यह कहते हुए उनकी याचिका रद्द कर दी कि हमें नहीं लगता कि इसपर कोर्ट को दखल देना चाहिए। इसलिए याचिका रिजेक्ट की जा रही है। महबूबा मुफ्ती को तीसरा झटका पार्टी के अन्दर से लगा जब उनके तीन नेता उनकी पीडीपी पार्टी को छोड़ कर सज्जाद गनी लोन की पीपुल्स कांफ्रेंस पार्टी में शामिल हो गए।

दरअसल क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय ने पुलिस की वेरिफिकेशन रिपोर्ट निगेटिव मिलने के बाद महबूबा मुफ्ती के पासपोर्ट आवेदन को खारिज कर दिया है। पासपोर्ट अधिकारी ने महबूबा मुफ्ती को भेजे गए पत्र में कहा है कि जम्मू-कश्मीर के आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) ने महबूबा को पासपोर्ट जारी करने के खिलाफ रिपोर्ट दी है। इस कारण भारतीय पासपोर्ट के लिए दी गई उनकी एप्लीकेशन सोमवार को रद्द हो गई है। जम्मू-कश्मीर क्राइम इन्वेस्टीगेशन डिपार्टमेंट (CID) ने पुलिस वैरिफिकेशन रिपोर्ट (PVR) में महबूबा को पासपोर्ट नहीं देने के लिए कहा। PVR रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद रीजनल पासपोर्ट ऑफिस ने उन्हें पासपोर्ट जारी करने से इनकार कर दिया। महबूबा ने इस मामले पर जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट में याचिका दायर की, लेकिन कोर्ट ने उसे भी रद्द कर दिया। कोर्ट ने कहा कि हमें नहीं लगता कि इस पर कोर्ट को दखल देना चाहिए। इसलिए याचिका रिजेक्ट की जा रही है।

महबूबा ने पूछा- क्या एक पूर्व CM देश के लिए खतरा है?
इस घटना के बाद महबूबा ने सोशल मीडिया पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि पासपोर्ट के लिए दिया गया मेरा आवेदन रद्द कर दिया गया है, क्या एक पूर्व मुख्यमंत्री देश के लिए खतरा है? उन्होंने कहा कि कश्मीर में नॉर्मलाइजेशन का वादा किया गया था। क्या इस तरह सारी चीजों को नॉर्मल किया जाएगा? मेरा पासपोर्ट नहीं जारी किया जा रहा है। CID ने अपनी रिपोर्ट में मुझे देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताया है। 2019 के बाद हमें यही सब हासिल हुआ है। एक पूर्व मुख्यमंत्री को पासपोर्ट देने से एक शक्तिशाली देश की साख खतरे में आ जाती है। पासपोर्ट ऑफिस ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) चीफ महबूबा को लेटर जारी किया है। लेटर में लिखा है कि यदि महबूबा चाहें तो पासपोर्ट रिजेक्शन के खिलाफ विदेश मंत्रालय में अपील कर सकती हैं।

दिग्गज नेता छोड़ रहे हैं महबूबा का साथ
इस बीच खबर आ रही है कि महबूबा मुफ्ती अपनी ही पार्टी में कमजोर होती जा रही हैं। अब तक पार्टी के कई नेता उनका साथ छोड़ चुके हैं। इस समय अलग-थलग पड़ती जा रही हैं। 29 मार्च को तीन और PDP नेताओं ने महबूबा मुफ्ती का साथ छोड़कर सज्जाद गनी लोन की पीपुल्स कांफ्रेंस का हाथ थाम लिया। इनके नाम खुर्शीद आलम, पीर मंसूर और सैयद बशारत अहमद बुखारी हैं। इससे पहले PDP के सबसे पुराने नेताओं में से एक और संस्थापक सदस्य मुजफ्फर हुसैन बेग ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। बेग भी सज्जाद गनी लोन की पीपुल्स कांफ्रेंस में शामिल हो गए थे। बेग की पत्नी सफीना बेग भी PDP से इस्तीफा देने वाली हैं। PDP के कई नेता J&K के पूर्व मंत्री अल्ताफ बुखारी के नेतृत्व वाली ‘जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी’ में भी शामिल हुए हैं।

14 महीने रह चुकी हैं नजरबंद
जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद महबूबा मुफ्ती को नजरबंद कर दिया गया था। उन्हें पिछले साल 27 नवंबर को रिहा किया गया। वे 14 महीने तक नजरबंद रहीं। इसके बाद जनवरी 2021 में महबूबा ने वीडियो जारी कर उन्हें फिर नजरबंद करने का आरोप लगाया था। इसके बाद कश्मीर जोन पुलिस ने मामले में ट्वीट कर बताया कि महबूबा मुफ्ती को घर में नजरबंद नहीं किया गया है, बल्कि सुरक्षा कारणों के चलते उनसे पुलवामा के दौरे को रद्द करने की अपील की गई थी।