आज निपटा लें सारे काम, कल से चार दिन बंद रहेंगे बैंक

नई दिल्ली 

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आपका बैंक से जुड़ा कोई महत्वपूर्ण काम है तो आज निपटा लें। वरना आपको चार दिन और इंतजार करना होगा। इस जल्द निपटा लेने का आज मौका है। क्योंकि, शनिवार से मंगलवार तक बैंक लगातार बंद रहेंगे। शनिवार को सभी बैंकों में दूसरे शनिवार का अवकाश है। अगले दिन रविवार है। इसके अलावा सोमवार 15 मार्च और मंगलवार 16 मार्च को यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन की ओर से सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों में हड़ताल का ऐलान किया गया है। जिसके चलते राष्ट्रीयकृत बैंक बंद रहेंगे। बुधवार को सभी बैंक खुलेंगे। ज्यादातर बैंक अपने ग्राहकों को इस बारे में सूचित कर चुके हैं। आज शुक्रवार 12 मार्च को और हड़ताल के बाद बुधवार को बैंक खुलने पर बैंकों में ग्राहकों की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है। भारतीय स्टेट बैंक सहित बैंकों ने हालंकि, यह भी कहा है कि वह बैंक शाखाओं में कामकाज को सामान्य बनाये रखने के लिये हर संभव प्रयास कर रहे हैं।

हड़ताल में 10 लाख कर्मचारी और अधिकारी लेंगे हिस्सा
आपको बता दें कि सरकारी बैंकों के निजीकरण के प्रस्ताव के खिलाफ यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) ने 15 मार्च से दो दिन की हड़ताल का आह्वान किया है। यूएफबीयू नौ बैंक यूनियनों का संयुक्त मंच है। हड़ताल में बैंकों के करीब 10 लाख कर्मचारी और अधिकारी हिस्सा लेंगे। आल इंडिया बैंक एम्पलायीज एसोसियेसन (एआईबीईए) के महासचिव सी. एच. वेंकटचलम ने एक वक्तव्य में कहा कि 4,9, और 10 मार्च को मुख्य श्रम आयुक्त के साथ हुई समाधान बैठक में कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला। ‘इसलिए 15 और 16 मार्च,2021 को लगातार दो दिन हड़ताल का फैसला किया गया है। यूनाइटेड फ्रंट और बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) में आल इंडिया बैंक एम्पलायीज एसोसियेसन (एआईबीईए) आल इंडिया बैंक आफीसर्स कन्फेडरेशन (एआईबीओसी) नेशनल कन्फेडरेशन आफ बैंक एम्पलायीज (एनसीबीई) आल इंडिया बैंक आफीसर्स एसोसियेसन (एआईबीओए) और बैंक एम्पलायीज कन्फेडरेशन आफ इंडिया (बीईएफआई) शामिल हैं।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले महीने पेश आम बजट में सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण का प्रस्ताव रखा है। सरकार ने अगले वित्त वर्ष में विनिवेश के जरिए बड़ी राशि जुटाने का प्रस्ताव किया है। सरकार इससे पहले आडीबीआई बैंक में अपनी अधिकांश की हिस्सेदारी भारतीय जीवन बीमा निगम को बेच चुकी है। पिछले चार साल में सार्वजनिक क्षेत्र के 14 बैंकों का विलय किया जा चुका है।





 

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