जिस टेलीग्राम चैनल से विस्फोटक रखने की जिम्मेदारी ली गई, उसकी लोकेशन तिहाड़ जेल में मिली, पुलिस स्पेशल सेल की टीम जांच करने पहुंची

नई दिल्ली  

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एंटीलिया केस पर यहां देखें पूरी डिटेल


देश के प्रमुख उद्योगपति मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के मुंबई स्थित घर के बाहर एक गाड़ी में विस्फोटक और एक धमकी भरा पत्र मिलने के तार दिल्ली की तिहाड़ जेल से जुड़ने के बाद दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की एक टीम इस मामले की जांच के लिए 11 मार्च को तिहाड़ जेल पहुंच गई। अंग्रेजी समाचार पत्र ‘इंडियन एक्सप्रेस’ ने एक प्राइवेट साइबर एजेंसी के हवाले से यह दावा किया था कि मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर जिस टेलीग्राम चैनल से विस्फोटक रखने की जिम्मेदारी ली गई, उसकी लोकेशन दिल्ली की तिहाड़ जेल में मिली है। इस दावे के मुताबिक जिस कथित आतंकी समूह यानी ‘जैश उल हिंद’ के टेलीग्राम चैनल से विस्फोटक रखने की जिम्मेदारी ली गई थी, वह चैनल दिल्ली के तिहाड़ जेल में बना था। वैसे नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) इस पूरे मामले की जांच कर रही है।

आधिकारिक सूत्रों ने अखबार को बताया कि जिस  निजी साइबर एजेंसी ने इस घटना के तार दिल्ली की तिहाड़ जेल से जोड़े हैं  उसकी जांच एजेंसी (संभवतः NIA) ने एक फोन ट्रैक करने को कहा था। यह वही फोन था जिस पर टेलीग्राम चैनल बनाया गया था। उन्होंने जांच एजेंसी की पहचान नहीं बताई, लेकिन कहा कि केंद्रीय एजेंसियों ने यह जानकारी दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल से साझा की है।

सिम कार्ड की लोकेशन तिहाड़ जेल थी
दावा किया गया है कि एक सिक्योरिटी एनालिसस रिपोर्ट के अनुसार, यह टेलीग्राम चैनल 26 फरवरी को दोपहर 3 बजे बनाया गया था, जिसका इस्तेमाल डार्क वेब का उपयोग करने के लिए किया जाता है। जिस सिम कार्ड से यह किया गया था उसकी लोकेशन तिहाड़ जेल आ रही है। डार्क वेब इंटरनेट का एक हिस्सा है जिसे केवल TOR जैसे गुमनाम नेटवर्क के माध्यम से एक्सेस किया जा सकता है, न कि पारंपरिक सर्च इंजनों पर।

तिहाड़ जेल के डीजी से ली जानकारी
स्पेशल सेल के अधिकारियों ने तिहाड़ जेल के डीजी संदीप गोयल से इस मामले में कुछ जानकारी हासिल की। इस संबंध में तिहाड़ जेल के डीजी का कहना है कि यह जांच का विषय है, इसलिए वह इस बारे में अभी कुछ अधिक जानकारी नहीं दे सकते।
तिहाड़ में जैमर लगाने की अनुमति मिली
इधर तिहाड़ जेल  में मोबाइल जैमर लगाने की अनुमति टेलिकॉम विभाग से मिल गई है।
तिहाड़ जेल में कैदी मोबाइल का इस्तेमाल न कर सकें इसके लिए चार जेलों में जैमर लगाए जाएंगे। मंडोली जेल में जैमर लगाए जा चुके हैं और वहां तीन जेलों में मोबाइल चलाने पर प्रतिबंध लगा है।





 

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