बिहार में अब प्रशासन देगा रेमडेसिविर के आवंटन की जानकारी

पटना

बिहार में बढ़ाते कोरोना संक्रमण के बीच जरूरी दवा रेमडेसिविर की जमकर कालाबाजारी हो रही है। इससे कोरोना संक्रमित गंभीर मरीजों को परेशानी खड़ी हो गई है। ऐसी शिकायतें मिलने के बाद बिहार सरकार ने नई व्यवस्था की है। अब कालाबाजारी को रोकने के लिए कोरोना संक्रमित गंभीर मरीजों को जिला कंट्रोल रूम से उनके नाम पर आवंटित रेमडेसिविर इंजेक्शन की जानकारी दी जाएगी। सभी अस्पतालों को अपने नोटिस बोर्ड पर मरीजों के नाम के साथ रेमडेसिविर इंजेक्शन के आवंटन की सूचना देनी होगी। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने सभी जिलों के जिलाधिकारी और सिविल सर्जनों को इसके लिए निर्देश जारी कर दिए हैं।

जारी निर्देश के अनुसार प्रत्येक जिले के निजी स्टॉक प्वाइंट पर दंडाधिकारी की तैनाती की जाएगी। जो यह सुनिश्चित करेंगे कि वास्तविक मरीज को रेमडेसिविर का आवंटन किया जा रहा है। प्रत्येक दिन शाम में मरीजवार और अस्पतालवार रेमडेसिविर के आवंटन की सूची जिला कंट्रोल रूम को उपलब्ध कराई जाएगी। पटना जिला नियंत्रण कक्ष के अतिरिक्त आपदा नियंत्रण विभाग के भी कंट्रोल रूम को सूची दी जाएगी और वहां से भी मरीजों या उनके परिजनों को रेमडेसिविर आवंटन की सूचना दी जाएगी। ये सूची जिला नियंत्रण कक्ष से सभी ज़िलों में विभिन्न अस्पतालों में तैनात दंडाधिकारियों को भी दी जाएगी ताकि इस बात का वे जानकारी कर सकें कि मरीजों को निर्धारित दर पर ही रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध कराया जा रहा है।

निर्देश दिया गया है कि अगर 72 घंटे के अंदर किसी मरीज या अस्पताल द्वारा रेमडेसिविर का आवंटन प्राप्त नहीं किया जाता है तो उसे दूसरे मरीज या अस्पताल को आवंटित किया जा सकता है। निर्देश दिया गया है कि सभी सहायक औषधि नियंत्रक और औषधि नियंत्रक जिला मुख्यालय में ही रहेंगे और सिविल सर्जन से संपर्क में रहेंगे।


 

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