Antilia explosive case
नई दिल्ली/ मुंबई। मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिली विस्फोटक भरी कार और हिरेन मनसुख की कथित हत्या के केस में गिरफ्तार मुंबई के असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वाझे को लेकर शक और गहरा गया है। 25 फरवरी को सचिन वझे को एंटीलिया केस की जांच सौंपी गई थी। अब जानकारी सामने आ रही है कि सचिन वझे की टीम ने ठाणे के साकेत कॉम्प्लेक्स में लगे CCTV कैमरों का डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर (DVR) अपने कब्जे में ले लिया था। सचिन वझे इसी सोसाइटी में रहते हैं। NIA की टीम ने उस DVR को फिर से हासिल कर लिया है। दरअसल 27 फरवरी को सोसायटी को सूचना दिए बगैर क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट (CIU) के चार अधिकारी साकेत कॉम्पलेक्स से पूरे नेटवर्क वीडियो रिकॉर्डर (NVR) को ले गए। सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिर सोसायटी की सीसीटीवी फुटेज को क्यों और किसके कहने पर ले जाया गया। साकेत कॉम्पलेक्स के निवासियों का कहना है कि 27 फरवरी को सोसायटी को सूचना दिए बगैर क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट (CIU) के चार अधिकारी आए और यहां से पूरे नेटवर्क वीडियो रिकॉर्डर (NVR) को ले गए। उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक वाली कार 25 फरवरी को बरामद हुई थी। इस घटना के ठीक दो दिन बाद बाद ही एनवीआर को ले जाया गया। इसने शक की बुनियाद और गहरी कर दी है।
पुलिस के मुताबिक CIU के इन चार अधिकारियों में रियाजुद्दीन काजी भी शामिल थे और उन्होंने कुछ दिनों पहले सोसायटी चेरयमैन और सेक्रेटरी को लेटर लिखकर फुटेज की मांग की थी। वाझे उस समय CIU के हेड थे। इस टीम ने कथित तौर पर सोसायटी के चेयरमैन और सेक्रेटरी से एनवीआर लिया। इसके दो दिन बाद सोसायटी ने सिक्यॉरिटी कॉन्ट्रैक्टर को हटा दिया। राबोडी पुलिस अधिकारियों ने लेटर की पुष्टि की है। अधिकारी ने कहा, ‘सोसायटी के सदस्यों ने हमें लिखित में दिया है कि 27 मार्च को CIU के असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर, मुंबई हमारी सोसायटी में आए और कुछ जांच के लिए सोसायटी की सीसीटीवी फुटेज ले गए। जिम्मेदार नागरिक होने के नाते हम इसकी जानकारी पुलिस टीम को दे रहे हैं।’
वझे के ऑफिस से मोबाइल फोन, आईपैड जब्त, रियाजुद्दीन काजी भी संदेह के घेरे में
इधर इस मामले को लेकर NIA पूरे एक्शन में है। NIA की टीम ने क्राइम इंटेलीजेंस यूनिट (CIU) के पूर्व चीफ सचिन वझे के ऑफिस पर छापेमारी की। सोमवार रात 8 बजे से मंगलवार तड़के 4 बजे तक जांच की जाती रही। इस दौरान NIA ने वझे का मोबाइल और आई पैड अपने कब्जे में ले लिया। CIU का ऑफिस से कुछ दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं। अब तक CIU के 10 अफसरों से पूछताछ की जा चुकी है। NIA ने वझे के नेतृत्व में काम करने वाले दो अधिकारियों CIU के API रियाजुद्दीन काजी और एक PSI के अलावा दो ड्राइवरों से सोमवार को साढ़े 9 घंटे तक पूछताछ की है। यह पूछताछ जारी रहने वाली है और इस केस में NIA कुछ अन्य लोगों को भी अरेस्ट कर सकती है। CIU की जो टीम वझे की सोसायटी में DVR लेने पहुंची थी, उसमें काजी भी शामिल थे।
स्कॉर्पियो के चोरी नहीं होने के संकेत मिले
इस बीच NIA सूत्रों के आधार पर एक बड़ी जानकारी सामने आ रही है। CCTV फुटेज की जांच में यह सामने आया है कि मनसुख की स्कॉर्पियो कभी चोरी नहीं हुई थी। बल्कि यह स्कॉर्पियो 18 से 24 फरवरी के बीच कई बार सचिन वझे की सोसाइटी में नजर आई थी। हिरेन ने अपने बयान में कहा था कि 17 फरवरी को मुलुंड-ऐरोली रोड से उनकी स्कॉर्पियो गायब हुई थी। फॉरेंसिक रिपोर्ट भी यह साबित करती है कि कार में कोई फोर्स एंट्री नहीं हुई थी। इसे चाबी से खोला गया था।
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