नई दिल्ली
अब वाहन निर्माता कंपनियों को वाहनों के इंजन में बदलाव कर Flex Fuel Engine देना होगा। केंद्र सरकार आने वाले कुछ ही महीनों में वाहन निर्माता कंपनियों के लिए Flex Fuel Engine से चलने वाले वाहनों की पेशकश करने को अनिवार्य करने जा रही है। Flex Fuel Engine के बाद उपभोक्ताओं को बड़ा फायदा होगा। उन्हें इसके बाद ईंधन करीब 65 रुपए प्रति लीटर मिलने लगेगा।
सरकार जल्द ही दिशा-निर्देशों की घोषणा कर सकती है और कार निर्माताओं को भविष्य में फ्लेक्स फ्यूल इंजन की पेशकश करने के लिए बाध्य करेगी। साथ ही ईवी की तुलना में अधिक व्यावहारिक होने के कारण, वर्तमान ईंधन पंप पेट्रोल/डीजल के साथ जैव-ईंधन की पेशकश करेंगे। आपको बता दें बायोएथेनॉल की लागत पेट्रोल की तुलना में प्रति लीटर बहुत कम है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी इसे लेकर पहले भी कई बार अपनी बात सार्वजानिक मंचों से कह चुके हैं। गडकरी ने फिर कहा है कि भारत अगले छह महीनों में 100 फीसदी Flex Fuel Engine पर चलने वाले वाहनों की पेशकश करना ऑटो निर्माताओं के लिए अनिवार्य कर देगा। उन्होंने कहा कि सरकार तेजी से इस दिशा में काम कर रही है। “हम फ्लेक्स इंजन मानदंडों के साथ वाहन देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमने एक निर्णय लिया है, हम इसे अनिवार्य बना देंगे, जिसके जरिए एक फ्लेक्स-इंजन मिलेगा।
कीमत भी कम, प्रदूषण भी कम
गडकरी ने कहा कि यह कदम उन उपभोक्ताओं के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा, जो पेट्रोल की ऊंची कीमतों से परेशान हैं। उन्होंने कहा कि पेट्रोल की कीमत जहां 110 रुपए तक पहुंच गई है, उसकी तुलना में एक लीटर बायोएथेनॉल की कीमत 65 रुपए है। यह वैकल्पिक ईंधन कम प्रदूषणकारी है और विदेशी मुद्रा भी बचाएगा।
गडकरी ने जोर देकर कहा, “छह महीने के भीतर, हम फ्लेक्स इंजन को अनिवार्य बनाने के आदेश देंगे।” सरकारी तेल कंपनियों को पहले ही पेट्रोल और डीजल बेचने वाली सुविधाओं पर जैव-ईंधन की पेशकश करने का आदेश दिया जा चुका है। उन्होंने कहा कि ये नियम हर तरह के वाहनों के लिए बनाया जाएगा। इसके अलावा सभी ऑटो कंपनियों को आदेश दिए जाएंगे कि वह फ्लेक्स फ्यूल इंजन को अपने वाहनों में फिट करें।
अगर फ्लैक्स फ्यूल इंजन अनिवार्य हो जाता है तो लोग अपनी गाड़ियां इथेनॉल से भी चला सकेंगे। इथेनॉल की कीमत 65-70 रुपए प्रति लीटर है, जबकि पेट्रोल इस समय 100 रुपए प्रति लीटर से अधिक बना हुआ है।
ऐसे होते हैं फ्लेक्स फ्यूल इंजन
Flex Fuel Engine वाले वाहन बाय फ्यूल इंजन वाले वाहनों से काफी अलग होते हैं। बाय फ्लूय इंजन में अलग-अलग टैंक होते हैं। वहीं, Flex Fuel Engine में एक ही टैंक में कई तरह के फ्यूल डालने की सुविधा मिल जाएगी। ऐसे इंजन खास तरह से डिजाइन किए जाते हैं। वाहनों में ऐसे ही इंजन लगाने को केंद्र सरकार अनिवार्य करने जा रही है।
यह सामान्य इंटर्नल कंब्शन इंजन (ICE) इंजन जैसा ही होता है। लेकिन इस लिहाज से खास होता है कि यह एक या एक से ज्यादा तरह के ईंधन से चल सकता है। कई मामलों में इस इंजन में मिक्स फ्यूल (मिश्रित ईंधन) का भी इस्तेमाल किया जाता है। सरल भाषा में समझें तो इस इंजन में पेट्रोल और इथेनॉल या मेथनॉल के मिश्रण का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इस इंजन में ईंधन मिश्रण सेंसर का उपयोग किया जाता है जो कि मिश्रण में ईंधन की मात्रा के मुताबिक खुद को एडजस्ट कर लेता है।
क्या आपने ये खबरें भी पढ़ीं?
- चिकित्सकों के लिए कानूनी ढाल तैयार | डीएमए इंडिया ने बनाई राष्ट्रीय लीगल एडवाइजर्स टीम, सुप्रीम कोर्ट से हाईकोर्ट तक मजबूत नेटवर्क
- उदयपुर से दिल्ली तक नाम रोशन | पीयूषा शर्मा को पीएम फेलोशिप, ब्रोकली पर होगा हाई-लेवल रिसर्च
- वेतन कटौती और 12 घंटे ड्यूटी के विरोध में हड़ताल पर गए राजस्थान के 108-104 एम्बुलेंसकर्मी
- दौसा को मिला रोटरी में बड़ा सम्मान,रो. नवल खंडेलवाल बने रोटरी डिस्ट्रिक्ट 3056 के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट सेक्रेटरी
- ठिठुरती शाम…
- 2434 करोड़ का बैंक फ्रॉड उजागर, PNB के लोन डूबे, SREI समूह की दो कंपनियां कटघरे में
- सात दिन; संस्कार और सेवा की साधना, RD Girls College में NSS शिविर का सांस्कृतिक-खेल उत्सव के साथ समापन
- भ्रष्टाचार पर ये कैसा जीरो टॉलरेंस! ACB के 600 से ज्यादा केस फाइलों में कैद, विभागों ने रोक रखी अभियोजन की चाबी
- स्टेट हाईवे पर मौत की रफ्तार | ट्रेलर–बोलेरो भिड़ंत, 5 की मौत, पूरा परिवार उजड़ गया
- नियम बदले तो भविष्य अंधकारमय! | संविदा नर्सेज ने काली पट्टी बांधकर सरकार को चेताया—भर्ती हो मेरिट + बोनस से
