खराब CIBIL रेटिंग वाले बैंक कर्मचारी रहेंगे नौकरी से बाहर | मद्रास हाईकोर्ट ने SBI के नियुक्ति रद्द करने के फैसले को सही ठहराया; कहा – ऐसे लोग नियुक्ति के लायक नहीं

चेन्नई

मद्रास हाईकोर्ट ने SBI द्वारा खराब CIBIL रेटिंग वाले उम्मीदवार की नियुक्ति रद्द करने के फैसले को सही ठहराया है। कोर्ट ने कहा – सार्वजनिक धन से जुड़े पद के लिए वित्तीय अनुशासन अनिवार्य है। इसके साथ ही  हाईकोर्ट ने भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के उस आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया, जिसमें एक उम्मीदवार की नियुक्ति CIBIL रिपोर्ट में प्रतिकूल क्रेडिट इतिहास के आधार पर रद्द कर दी गई थी। कोर्ट ने बैंक के फैसले को विवेकपूर्ण और सार्वजनिक हित में उचित ठहराया।

न्यायालय का तर्क – वित्तीय अनुशासन आवश्यक

जस्टिस एन. माला की एकल पीठ ने कहा कि, बैंकिंग व्यवसाय में कर्मचारी सार्वजनिक धन से संबंधित कार्य करते हैं, ऐसे में वित्तीय अनुशासन अनिवार्य है। जिस व्यक्ति का क्रेडिट इतिहास खराब हो, उस पर सार्वजनिक संसाधनों के प्रबंधन का भरोसा नहीं किया जा सकता।

कोर्ट ने माना कि बैंक का यह मानना सही था कि प्रतिकूल CIBIL रिपोर्ट वाला व्यक्ति नियुक्ति के लिए अयोग्य है।

क्या था मामला
याचिकाकर्ता ने SBI में सर्किल बेस्ड ऑफिसर (CBO) पद के लिए आवेदन किया था और परीक्षा, साक्षात्कार, मेडिकल, सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन और CIBIL जांच समेत सभी प्रक्रियाएं पार कर ली थीं। 16 मार्च 2021 को उसे नियुक्ति पत्र भी जारी कर दिया गया था।

हालांकि, 12 मार्च 2021 को ली गई CIBIL रिपोर्ट में उसके खिलाफ 9 अनियमित ऋण सुविधाएं और 10 से अधिक लोन इनक्वायरी दर्ज थीं। बैंक ने स्पष्टीकरण मांगा, जो याचिकाकर्ता ने दिया, लेकिन बैंक ने नियुक्ति रद्द कर दी।

याचिकाकर्ता की दलीलें

  • नियुक्ति के दिन तक कोई बकाया या डिफॉल्ट नहीं था
  • सभी ऋण चुका दिए गए थे
  • CIBIL या किसी एजेंसी ने उन्हें डिफॉल्टर घोषित नहीं किया
  • समान स्थिति वाले अन्य उम्मीदवारों को नियुक्त किया गया – भेदभाव हुआ

बैंक का पक्ष

  • पात्रता के अनुसार प्रतिकूल CIBIL वाले उम्मीदवार अयोग्य हैं
  • याचिकाकर्ता ने महत्वपूर्ण जानकारी छुपाई
  • उसकी क्रेडिट रिपोर्ट में कई बार किस्तों का भुगतान न करना दर्ज है
  • अन्य नियुक्त उम्मीदवारों का रिकॉर्ड बेहतर था – भेदभाव का प्रश्न नहीं उठता

अदालत का फैसला

कोर्ट ने माना कि:

  • बैंक द्वारा लागू पात्रता मानदंड स्पष्ट हैं
  • याचिकाकर्ता ने लोन भुगतान में चूक स्वीकार की है
  • असमान मामला बताकर भेदभाव का तर्क नहीं टिकता
    अंततः कोर्ट ने कहा कि याचिका में कोई विधिक योग्यता नहीं है और उसे खारिज कर दिया गया।

महत्त्वपूर्ण निष्कर्ष

यह फैसला बैंकिंग क्षेत्र में नियुक्तियों की पारदर्शिता, वित्तीय अनुशासन की अनिवार्यता, और CIBIL रिपोर्ट की भूमिका को पुष्ट करता है। यह उन उम्मीदवारों के लिए चेतावनी है जो अपने क्रेडिट इतिहास को हल्के में लेते हैं।

नई हवा की खबरें अपने मोबाइल पर नियमित और डायरेक्ट प्राप्त करने  के लिए व्हाट्सएप नंबर 9460426838 सेव करें और ‘Hi’ और अपना नाम, स्टेट और सिटी लिखकर मैसेज करें। आप अपनी खबर या रचना भी इस नंबर पर भेज सकते हैं।

बैंक मैनेजर बना 3.05 करोड़ का लुटेरा | फर्जी खातों से पत्नी तक पहुंचा पैसा, CBI ने मारे छापे

आया IMD का धमाका: 15 जिलों के लिए खतरे वाला अलर्ट | 29 जून तक मूसलाधार बारिश का संकेत, जानें इस बार मानसून किसे करेगा तर

1 जुलाई से रेलवे सफर हो जाएगा महंगा | मेल, एक्सप्रेस और AC ट्रेनों के किराए में बढ़ोतरी, जानें नई दरें और किस पर पड़ेगा सीधा असर

EPFO ने खोला पैसों का दरवाज़ा: अब एक क्लिक में मिलेंगे 5 लाख रुपये | मंत्री मंडाविया ने किया बड़ा ऐलान, करोड़ों कर्मचारियों को राहत

‘नई हवा’ की खबरों को Subscribe करने के लिए हमारे WhatsApp Channel से जुड़ें।

‘नई हवा’ की  खबरें  मोबाइल पर डायरेक्ट प्राप्त करने  के लिए  व्हाट्सएप नंबर  9460426838 सेव करें और ‘Hi’ और अपना नाम, स्टेट और सिटी लिखकर मैसेज करें।