आदर्श स्कैम: ED का बड़ा एक्शन, 50 हजार पन्नों का आरोप पत्र, 124 से ज्यादा लोगों को बनाया आरोपी

जयपुर / नई दिल्ली 

आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी (Adarsh Credit Cooperative Society Scam) के 14 हजार करोड़ से ज्यादा के घोटाला मामले में निवेशकों के लिए 31 मार्च को एक रहत की खबर आई जब प्रवर्तन निदेशालय ED (Enforcement Directorate) ने तफ्तीश के बाद  एक बड़ा एक्शन लिया और करीब 50 हजार पन्नों का आरोप पत्र दायर कर दिया। इसमें 124 से ज्यादा लोगों को आरोपी बनाया गया है। इसमें मुख्य आरोपी मुकेश मोदी सहित वीरेंद्र मोदी, भरत मोदी, राहुल मोदी, रोहित मोदी, प्रियंका मोदी के नाम शामिल है। ऐसा माना जा रहा है कि ईडी के इतिहास में ये सबसे ज्यादा पन्नों का आरोपपत्र है। इस आरोप पत्र का मुख्य सार करीब 1500 पन्नों का है लेकिन कुल मिलाकर 50 हजार पन्नों का बनाया गया है। आरोप पत्र जयपुर स्थित ईडी की विशेष कोर्ट में दायर किया गया है। आपको बता दें कि करीब 14 हजार करोड़ से ज्यादा के इस  घोटाले में देशभर के करीब 21 लाख निवेशक ठगी के शिकार हुए हैं और वे कई साल से निवेश की गई गाढ़ी कमाई की वापसी के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। अभियोजन परिवाद दाखिल होने के बाद मामले में न्याय मिलने की उम्मीदें अब बढ़ी है।

हजारों शिकायतें हुई  थी दर्ज, ED ने 100 से ज्यादा लोगों का दर्ज किया बयान
इस घोटाले  में राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, नई दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा में हजारों लोगों ने शिकायत दर्ज करवाई थी उसके बाद ईडी ने इस केस को अपने हाथ में लिया था ईडी अब तक करीब 1,489 करोड़ की चल-अचल संपत्ति को अटैच कर चुकी है इस मामले की तफ्तीश के दायरे में सात राज्यों की करीब 19 जिलों से संबंधित मामले को ईडी के जांचकर्ताओं ने खंगाला और तमाम सबूतों को इकट्ठा कियातफ्तीश के दौरान जांचकर्ताओं द्वारा करीब 100 से ज्यादा लोगों का बयान दर्ज किया गया उसके बाद ही जांच के दौरान प्राप्त सबूतों,पीड़ितों के बयान और दस्तावेजों के आधार पर करीब 124 आरोपियों के खिलाफ इस आरोपपत्र को दायर किया गया मामले में 47 हजार 500 पेजों के अभियोजन परिवाद में ग्रुप की काली कमाई और निवेशकों के पैसे से जुड़े सभी राज शामिल है इसके लिए ईडी के अधिकारियों ने लाखों दस्तावेज, 100 से अधिक गवाहों के बयान और डिजिटल उपकरणों को खंगाला  प्रवर्तन निदेशालय, जयपुर ने अपना 22 मार्च 2019 को मनी लान्ड़ेरिंग एक्ट के प्रावधानों के तहत दर्ज किया था विशेष ऑपरेशन ग्रुप, राजस्थान पुलिस की विभिन्न धाराओं के तहत धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश, आपराधिक विश्वासघात और जालसाजी के मुकदमे के लिए मुकेश मोदी, राहुल मोदी और अन्य आदर्श समूह, आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड के अधिकारी और अन्य निजी लोगों के खिलाफ दिसंबर 2018 में दर्ज एफआईआर को आधार बनाया गया था

मार्केट से ज्यादा ब्याज देने का लालच दिया गया
ईडी ने मामले में  राहुल मोदी, मुकेश मोदी, प्रियंका मोदी, आदर्श समूह, आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड के कई अधिकारियों और निवेशकों के खिलाफ मामला दर्ज करके आरोपपत्र में उन सबों को आरोपी बनाया है
ईडी के अधिकारियों के मुताबिक आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी और उसके निदेशकों द्वारा कई राज्यों में हजारों लोगों को चूना लगाते हुए हजारों करोड़ों रुपये का निवेश करवाया गया और लोगों को मार्केट से ज्यादा ब्याज देने का लालच दिया गया, जिसके चलते लोग उस लालच में फंसते चले गए और उस चिटफंड मामले में अपना पैसा निवेश करते चले गएसूत्रों के मुताबिक कंपनी के निदेशकों द्वारा अपने सहयोगियों के साथ मिलकर डिपॉजिटर्स के फंड से पैसा निकाला गया, इंटर लिंक फर्जी लेनदेन के माध्यम से मुकेश मोदी और उसके रिश्तेदारों और सहयोगियों ने फर्जी लोन का लाभ उठाते हुए सोसाइटी से अपने रियल एस्टेट व्यवसाय के नाम पर धन निकालने के उद्देश्य से कई कंपनियों/फर्म को पंजीकृत करवाया गया था

निवेशक ऐसे होते धोखाधड़ी के शिकार होते गए
मनी लॉन्ड्रिंग सोसाइटी द्वारा इस तरह से जमाओं के रूप में लिए गए पैसों को मुकेश मोदी की कंपनियों / फर्मों और उनके व्यक्तिगत रिश्तेदारों और सहयोगियों को गैरकानूनी तरीके से लोन देने के लिए इस्तेमाल किया गया
यह पैसा मुकेश मोदी और उनके सहयोगियों द्वारा उनकी कम्पनियों और फर्मों के जरिए अचल संपत्ति कारोबार में लगाया गया. निवेशकों को गलत तरीके से नुकसान पहुंचाने और सारा लाभ खुद हड़पने के इरादे से मुकेश मोदी सहित अन्य लोगों द्वारा फंड को डायवर्ट और साइफन किया गया प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत की गई जांच में यह भी सामने आया है कि मुकेश मोदी ने अपने रिश्तेदारों वीरेंद्र मोदी, भरत मोदी, राहुल मोदी, रोहित मोदी, प्रियंका मोदी, आदि और सोसाइटी के अधिकारियों सहित, अपने सहयोगियों के साथ मिलकर डिपॉजिटर्स के फंड से पैसा निकाला इंटर लिंक फर्जी लेनदेन के माध्यम से मुकेश मोदी, उनके रिश्तेदारों और सहयोगियों ने फर्जी ऋणों का लाभ उठाते हुए सोसाइटी से अपने रियल एस्टेट व्यवसाय के नाम पर धन निकालने के मकसद से पंजीकृत करवाया इसके अलावा, अपने परिजनों और कंपनियों, फर्मों को बढे हुए वेतन, प्रोत्साहन और कमीशन के माध्यम से भारी मात्रा में धन का डाइवर्जन किया गया ईडी ने 2020 के जुलाई-अगस्त में देश के 7 राज्यों के 19 जिलों में संपत्तियों को कब्जे में ले लिया था