नई दिल्ली
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी (Minimum Salary) तय करने के लिए पहली बार फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) को लागू किया गया था। सूचना आ रही है कि इसे अब बढ़ाने की बात चल रही है।
फिटमेंट फैक्टर लगने की वजह से केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी सीधे 6000 रुपए से 18000 रुपए हो गई थी। फिटमेंट फैक्टर 2.57 निर्धारित किया गया। इससे साल 2016 में केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में बंपर इजाफा हुआ था। हालांकि, केंद्रीय कर्मचारियों की डिमांड थी कि इसे 3 रखा जाए। ये वो साल था जब केंद्रीय कर्मचारियों के लिए 7वां वेतन आयोग (7th CPC) लागू किया गया। अब फिटमेंट फैक्टर 2.57 को बढ़ा कर अब 3 करने की मांग जोर पकड़ रही है।
Fitment Factor का अहम रोल
केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी (CG Employees Salary) तय करने में फिटमेंट फैक्टर का अहम रोल है। 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की सिफारिशों के मुताबिक, केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी भत्तों (Salary Allowances) के अलावा उसकी बेसिक सैलरी (Basic Salary) और फिटमेंट फैक्टर (Fitment factor) से ही तय होती है। ये वो फैक्टर है जिससे केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी ढाई गुना से ज्यादा बढ़ जाती है।
सात वें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक, फिटमेंट फैक्टर 2.57 है। केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी तय करते समय, भत्तों के अलावा जैसे महंगाई भत्ता (DA), यात्रा भत्ता (TA), हाउस रेंट अलाउंट (HRA) वगैरह, कर्मचारी की बेसिक सैलरी को 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission latest update) के फिटमेंट फैक्टर 2.57 से गुणा करके निकाला जाता है। जैसे, अगर किसी केंद्रीय कर्मचारी की बेसिक सैलरी 18,000 रुपए है, तो भत्तों को छोड़कर उसकी सैलरी होगी 18,000 X 2.57= 46,260 रुपए। अगर इसी को 3 मान लिया जाए तो सैलरी होगी 26000X3= 78000 रुपए। कर्मचारियों को इसमें बंपर फायदा मिलेगा।
JCM सेक्रेटरी शिव गोपाल मिश्रा का कहना है कि केंद्रीय कर्मचारियों को पिछले 18 महीने का एरियर नहीं मिला है। सरकार ने फिटमेंट फैक्टर बढ़ाने पर भी कोई ठोस फैसला नहीं किया है। अगर फिटमेंट फैक्टर 3 होता है तो निश्चित तौर पर इसका फायदा मिलेगा। कर्मचारियों की लंबी समय से डिमांड है कि फिटमेंट को बढ़ाया जाए।
सरकार ने कर दिया था इंकार
आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने पिछले दिनों केंद्रीय कर्मचारियों की मंथली बेसिक सैलरी बढ़ाने पर विचार करने से इनकार कर दिया था। राज्य सभा में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने एक सवाल के लिखित जवाब में बताया था कि केंद्र सरकार ऐसी किसी भी योजना पर कोई विचार नहीं कर रही है, उन्होंने ये भी कहा कि 2.57 का फिटमेंट फैक्टर सभी कैटेगरी के कर्मचारियों के लिए समान रूप से केवल 7वें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर रिवाइज्ड पे स्ट्रक्चर में वेतन निर्धारण के उद्देश्य से लागू किया गया था।
वित्त राज्य मंत्री से सवाल पूछा गया था कि 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर फिटमेंट फैक्टर के अनुसार महंगाई भत्ता और महंगाई राहत की बहाली के बाद क्या केंद्र सरकार अब कर्मचारियों का मंथली बेसिक पे बढ़ाने पर सक्रिय रूप से विचार कर रही है। केंद्र सरकार के इस जवाब के बाद कर्मचारी यूनियनों में नाराजगी है और उन्होंने अब फिटमेंट फैक्टर 2.57 को बढ़ा कर 3 करने की मांग तेज कर दी है।
3 फीसदी बढ़ाया जा सकता है DA
इस बीच खबर आ रही है कि जुलाई 2021 की अवधि के लिए महंगाई भत्ता कम से कम 3 फीसदी बढ़ाया जा सकता है। आपको बता दें कि सरकार साल के पहले 6 महीने की महंगाई का औसत निकालती है, इसमें जनवरी से जून को काउंट किया जाता है। इसके बाद दूसरी छमाही में महंगाई का औसत निकाला जाता है। इस आधार पर DA में बढ़ोतरी तय की जाती है। DA हमेशा औसत महंगाई से ज्यादा होता है। फिलहाल, जुलाई AICPI इंडेक्स 122.8 प्वाइंट पर है। इसलिए महंगाई भत्ता कम से कम 3 फीसदी बढ़ाया जा सकता है।
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