भरतपुर में कांग्रेस का सियासी ड्रामा, UP पुलिस ने नहीं रोका तो बॉर्डर से लौटे डोटासरा, बोले; राहुल-प्रियंका लखीमपुर खीरी मिल आए तो जाने से क्या फायदा

भरतपुर 

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी प्रकरण को लेकर भरतपुर के ऊंचा नगला पर गुरुवार को घोषित प्रदेश कांग्रेस का पैदल मार्च  सियासी ड्रामा साबित हुआ। घोषणा थी लखीमपुर खीरी तक पैदल मार्च करने की, लेकिन जब भरतपुर के ऊंचा नगला बॉर्डर पर UP पुलिस ने कांग्रेस नेताओं को रोकने से कोई टोका-टाकी नहीं की तक सभी बार्डर से ही लौट आए और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द डोटासरा ने तर्क दिया कि जब राहुल-प्रियंका लखीमपुर खीरी पीड़ितों से मिल आए तो अब हमारा वहां जाने का क्या फायदा?

दिलचस्प ये है कि राहुल-प्रियंका लखीमपुर खीरी पीड़ितों से मिल आने की सूचना डोटासरा को बहुत पहले ही मिल गई थी। तो लोग अब पूछ रहे हैं कि कांग्रेस ने पैदल मार्च का सियासी ड्रामा क्यों किया?

आपको बता दें कि  प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की अगुवाई में कई विधायक और कांग्रेस कार्यकर्ता लखीमपुर खीरी तक पैदल मार्च के लिए गुरूवार को जयपुर से भरतपुर के लिए निकले थे। भरतपुर में ऊंचा नगला पर सभा करने के बाद सभी को UP की सीमा में एंट्री करनी थी। एंट्री कर भी ली, लेकिन बॉर्डर पर यूपी पुलिस ने कोई रोक टोक नहीं की। इससे डोटासरा सहित अन्य कांग्रेस विधायकों का संघर्ष और गुत्थम-गुत्था का जो इरादा था, उस पर पानी फिर गया।

नतीजतन डोटासरा और कांग्रेस विधायकों ने लखीमपुर खीरी जाने का इरादा बदल लिया। डोटासरा बॉर्डर से यह कहकर वापस भरतपुर की तरफ लौट लिए कि  राहुल गांधी और प्रियंका गांधी लखीमपुर खीरी के पीड़ित किसानों से मिल लिए, इसलिए हमारे जाने की कोई जरुरत नहीं है।

तैयारियां तो खूब कीं, पर टकराव का बहाना नहीं मिला
कांग्रेस के पैदल मार्च के लिए भरतपुर में कांग्रेस ने काफी तैयारी की थी। भरतपुर के प्रभारी सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी ने बुधवार को ही बैठकें लेकर कार्यकर्ताओं को पैदल मार्च की जिम्मेदारी दी थी। पर UP पुलिस से टकराव का कोई बहाना नहीं मिला। जब बॉर्डर पहुंचे तो वहां तैनात यूपी पुलिस उन्हें देख वहां से चली गई। बॉर्डर पर कोई रोक टोक नहीं देख बॉर्डर पर पीएम मोदी और सीएम योगी का पुतला दहन कर लखीमपुर खीरी जाने का मूड बदल लिया और वापस भरतपुर का रुख कर लिया। ऊंचा नगला बॉर्डर पर एक पंडाल तैयार किया गया थी जिसमें कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा और कांग्रेस के विधायकों ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया।

यूपी पुलिस ने पहले तो बैरिकेडिंग की, लेकिन कुछ देर बाद इसे भी हटा दिया। यूपी पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि उन्हें किसी को रोकने के आदेश नहीं हैं। अगर कोई भी राजस्थान के कांग्रेस का नेता यूपी की तरफ जाना चाहता है तो जा सकता है।

डोटासरा ने कहा कि जब तक किसानों के हत्यारे को गिरफ्तार नहीं किया जाता, मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त नहीं किया जाता और तीन कृषि कानून वापस नहीं लिए जाते तब तक कांग्रेस किसानों के साथ आंदोलन करेगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ऊंचा नगला नहीं आने पर डोटासरा ने बताया की कांग्रेस के सभी कार्यकर्ता कांग्रेसकि  मुख्यमंत्री स्वास्थ्य ख़राब होने की वजह से नहीं आ पाए।

गिरफ्तारी देने का प्लान भी बदलना पड़ा
कांग्रेस नेताओं ने पहले यूपी बॉर्डर पार नहीं करने देने पर गिरफ्तारी देने तक का प्लान बनाया था, बाद में इसे टाल दिया गया। यूपी बॉर्डर पर प्रदर्शन और सभा के बाद कांग्रेस नेता वापस लौट गए। कांग्रेस नेता आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन जारी रख सकते हैं। कांग्रेस ने सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया था। आगे भी कांग्रेस इस मुद्दे को जोर शोर से उठाने की रणनीति बना रही है।

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