भारत लौटेगा PNB घोटाले का भगोड़ा, ब्रिटिश गृह मंत्रालय ने नीरव मोदी के प्रत्यर्पण पर लगाई मुहर

लन्दन

PNB के  करीब 14 हजार करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का वॉन्टेड हीरा कारोबारी नीरव मोदी (Nirav Modi) को भारत लाने की एक और अड़चन दूर हो गई है। CBI के मुताबिक अब  ब्रिटेन के गृह मंत्रालय ने नीरव मोदी के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। नीरव मोदी  जनवरी, 2018 में देश छोड़कर फरार हो गया था। अब उसका भारत आना तय हो गया है।

फरवरी में ब्रिटेन की वेस्टमिन्सटर कोर्ट में नीरव के प्रत्यर्पण पर आखिरी सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने भी नीरव को भारत भेजने की मंजूरी दे दी थी। जज सेमुअल गूजी ने कहा था कि नीरव मोदी को भारत में चल रहे केस में जवाब देना होगा। उन्होंने माना कि नीरव मोदी के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। 2 साल चली कानूनी लड़ाई के बाद यह फैसला आया था। नीरव मोदी पर PNB से लोन लेकर करीब 14 हजार करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने का आरोप है। घोटाला सामने आने के बाद वह जनवरी 2018 में देश छोड़कर फरार हो गया था। कोर्ट ने यह भी माना था कि नीरव मोदी ने सबूत मिटाने और गवाहों को धमकाने की साजिश रची। जमानत को लेकर नीरव मोदी के कई प्रयास मजिस्ट्रेट अदालत और उच्च न्यायालय में खारिज कर दिए गए थे क्योंकि उसके फरार होने का जोखिम रहा।

कोर्ट ने कहा था- भारत में नीरव को मिलेगा इंसाफ
जज ने कहा कि नीरव मोदी को भारत भेजा जाता है तो ऐसा नहीं है कि उन्हें वहां इंसाफ न मिले। कोर्ट ने नीरव मोदी की मानसिक स्थिति ठीक न होने की दलील भी खारिज कर दी है। कहा कि ऐसा नहीं लगता उन्हें ऐसी कोई परेशानी है। कोर्ट ने मुंबई की ऑर्थर रोड जेल की बैरक नंबर-12 को नीरव के लिए फिट बताया। 19 मार्च, 2019 को गिरफ्तार किए गए नीरव मोदी पर मनी लॉन्ड्रिंग, सबूतों से छेड़छाड़ और गवाहों को डराने की साजिश रचने का आरोप है।

ब्रिटिश गृह मंत्रालय के फैसले के खिलाफ अपील करने का विकल्प बाकी
हालांकि अभी भी नीरव मोदी के पास ब्रिटिश गृह मंत्रालय के फैसले के खिलाफ अपील करने का विकल्प बाकी है। इसलिए उसको भारत लाने में एक साल और लगा सकता है। गृह मंत्रालय की मंजूरी के बावजूद अभी नीरव मोदी हाईकोर्ट में अपील कर सकता है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट में अपील और ब्रिटेन में शरण लेने का रास्ता भी उसके पास है।

नीरव मोदी जिस जेल में रहेगा, वहां क्या-क्या होगा?
महाराष्ट्र के प्रिजन डिपार्टमेंट ने 2019 में ही लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट में बैरक नंबर-12 के बारे में जानकारी साझा कर दी थी। प्रिजन डिपार्टमेंट ने बताया था कि नीरव मोदी को जहां रखा जाएगा, वो जगह हाई सिक्योरिटी वाली होगी और वहां उसे मेडिकल फैसिलिटी भी मिलेगी। अगस्त 2020 में वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने बैरक नंबर-12 का वीडियो भी देखा था। इसके बाद ही कोर्ट ने नीरव मोदी को भारत लाने की मंजूरी दी। कोर्ट ने कहा है कि नीरव मोदी बैरक नंबर-12 में पूरी तरह से सेफ रहेंगे। नीरव की दलील थी कि उसकी मानसिक हालत ठीक नहीं है और अगर उसे भारत भेजा जाता है, तो वो सुसाइड कर लेगा। इस पर भी कोर्ट ने कहा कि बैरक नंबर-12 में नीरव के सुसाइड करने के चांस नहीं हैं, क्योंकि वहां उनकी हेल्थ का पूरा ख्याल रखा जाएगा।

180 करोड़ डॉलर का मालिक है नीरव मोदी
फोर्ब्स के मुताबिक 2017 में नीरव मोदी की कुल दौलत 180 करोड़ डॉलर (करीब 11, 700 करोड़ रुपए) थी। नीरव मोदी की कंपनी का मुख्यालय मुंबई में है। मार्च 2018 में नीरव मोदी ने न्यूयॉर्क में बैंकरप्सी प्रोटेक्शन के तहत याचिका दायर की थी।