भ्रष्टाचार पर लगाम: संवेदनशील पद पर तैनात बैंक कर्मियों को मिला करेगा ‘सरप्राइज अवकाश’

RBI Unexpected Leave Rule

ट्रेजरी और करेंसी चेस्ट ऑपरेशंस जैसे संवेदनशील पदों पर काम करने वाले बैंक कर्मचारियों को हर साल 10 दिन के लिए ‘सरप्राइज’ अवकाश पर भेजा जाएगा। ग्रामीण विकास बैंकों और सहकारी बैंकों समेत सभी बैंकों को भेजी सूचना में आरबीआई ने उन्हें अपने यहां ‘अनिवार्य अप्रत्याशित अवकाश’ नीति लागू करने के लिए कहा है।

आंतरिक ईमेल के अलावा कोई काम नहीं करेगा कर्मचारी
ऐसे अवकाश के दौरान, संबंधित बैंक कर्मचारी को आंतरिक/कॉरपोरेट ईमेल को छोड़कर भौतिक रूप से या फिर ऑनलाइन-किसी भी तरह से कार्य संबंधी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी। बैंक कर्मचारियों के पास सामान्य प्रयोजन से आंतरिक/कॉरपोरेट ईमेल की सुविधा उपलब्ध होती है।

आरबीआई ने कर्मचारियों के भ्रष्टाचार पर काबू पाने के लिए तय विवेकपूर्ण जोखिम प्रबंधन उपाय के तहत ऐसे अवकाश के लिए अनिवार्य तौर पर शामिल किया है। यह अवकाश कर्मचारी को बताए बिना अचानक दिया जाएगा ताकि उसकी अनुपस्थिति में उनके कामकाज की जांच हो सके।

आरबीआई ने बैंकों को इसे छह माह के अंदर अपनी अवकाश नीति में शामिल करने का आदेश दिया है। बैंकों से उनके निदेशक मंडल बोर्ड की अनुमोदित नीति के अनुसार संवेदनशील पदों की सूची तैयार करने और समय-समय पर सूची की समीक्षा करने के लिए कहा गया है।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने यह कदम भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी की तरफ से पंजाब नेशनल बैंक में किए गए फर्जीवाड़े का अध्ययन करने के बाद उठाया है।

आपको बता दें कि मोदी और चोकसी बैंक कर्मचारियों की मदद से फर्जी लैटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) बनवाकर पीएनबी को करीब 13500 करोड़ रुपए का चूना लगाने के आरोप में वांछित हैं। आरबीआई का कर्मचारियों को अप्रत्याशित अवकाश पर भेजने का मकसद ऐसे फर्जीवाड़े का जल्द और सही पता लगाना है।

2015 के परिपत्र को किया निरस्त
आरबीआई के मुताबिक, एक विवेकपूर्ण परिचालन जोखिम प्रबंधन उपाय के रूप में, बैंक एक ‘अप्रत्याशित अवकाश’ नीति लागू करेंगे, जिसमें संवेदनशील पदों या संचालन के क्षेत्रों में तैनात कर्मचारियों को हर साल अनिवार्य रूप से 10 या ज्यादा दिन के लिए छुट्टी पर भेजा जाएगा। यह छुट्टी इन कर्मचारियों को पहले से सूचित किए बिना दी जाएगी यानी यह पूरी तरह आश्चर्य में डालने वाली होगी।

हालांकि इससे पहले 23 अप्रेल, 2015 को भी आरबीआई ने इस मुद्दे पर दिशानिर्देश जारी किए थे, लेकिन तब ऐसे अवकाश के लिए दिनों की संख्या स्पष्ट नहीं की गई थी। केंद्रीय बैंक ने संवेदनशील पदों या संचालन क्षेत्रों से जुड़े कर्मचारियों के लिए ‘अनिवार्य अप्रत्याशित अवकाश’ नीति को अद्यतन किया है और 23 अप्रैल 2015 के परिपत्र को निरस्त कर दिया है।




 

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