राजस्थान में बिजली कंपनियों ने उपभोक्ताओं को दिया जोर का झटका, फ्यूल सरचार्ज के नाम पर करेंगी 33 पैसे प्रति यूनिट की उगाही, 550 करोड़ की होगी वसूली

जयपुर 

दिवाली निकलते ही तीनों डिस्कॉम जयपुर, जोधपुर और अजमेर ने राजस्थान के लाखों उपभोक्ताओं को जोर का झटका दिया है। इन कंपनियों ने उपभोक्ताओं पर  फ्यूल सरचार्ज लगा दिया है। ये बिजली कंपनियां उपभोक्ताओं से 33 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से 550 करोड़ की उगाही करेंगी। ये वसूली अगले तीन महीनों तक उपभोक्ताओं से की जाएगी। तीनों डिस्कॉम की कॉमर्शियल विंग ने फ्यूल सरचार्ज अमाउंट जोड़ने के लिए अकाउंट सेक्शन को आदेश भिजवा दिया है।

इन बिजली कंपनियों ने फ्यूल सरचार्ज के नाम पर उपभोक्ताओं की जेब काटने का तय कर लिया है। इससे उपभोक्ताओं में भारी असंतोष पैदा हो गया है। यह फ्यूल सरचार्ज अप्रेल  2021 से जून 2021 के लिए 33 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से लगाया गया है। इसकी रिकवरी जनवरी, फरवरी और मार्च 2021 के बिजली बिलों की रीडिंग के आधार पर होगी। अकेले जयपुर डिस्कॉम ही करीब 250 करोड़ रुपए से ज्यादा की वसूली करेगा। इससे पहले जयपुर डिस्कॉम ने अपने उपभोक्ताओं से 30 पैसे, 55 पैसे, 29 पैसे और 39 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से फ्यूल सरचार्ज की वसूली की थी।

राजस्थान में बिजली उत्पादन कम्पनियां जब कभी महंगा कोयला खरीदती है तो उसका खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ता है। इस बार वसूले जा रहे फ्यूल सरचार्ज में भी ऐेसा ही हुआ है। विद्युत वितरण निगम के आला अधिकारियों का कहना है कि वर्ष 2021 के दौरान जनरेशन कम्पनियों ने तय दाम से अधिक कीमतों पर कोयले की खरीद की थी। उसी राशि को उपभोक्ताओं से वसूला जा रहा है। अधिकारियों का तर्क है कि महंगा कोयला उपभोक्ताओं को बिजली उपलब्ध कराने के लिए ही खरीदा गया था और अब वसूली भी उन्हीं से की जा रही है। इस वसूली को फ्यूल सरचार्ज के रूप में वसूला जाता रहा है।

10 साल से उपभोक्ताओं पर डाला जा रहा है बोझ
राजस्थान में फ्यूल सरचार्ज की वसूली 10 साल से की जा रही है। जब भी जनरेशन कम्पनियां तय कीमतों से ज्यादा में कोयले की खरद करती हैं  तो उस राशि का बोझ वितरण कम्पनियां उपभोक्ताओं पर डाल देती है। इस बार भी यही हो रहा है। कहा तो यह भी जा रहा है कि पिछले तीन माह के दौरान प्रदेश में कोयले का संकट चला और इस दौरान भी महंगा कोयला खरीदा गया, उसका भार भी उपभोक्ताओं पर डाला जाएगा। अब उपभोक्ता को इंतजार करना होगा कि नया भार कब तक उसके बिल में जोड़ा जाता है।

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