जयपुर
राजकीय महाविद्यालय थानागाजी में रीट परीक्षा 2021 के दौरान उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार एवं पुलिस कर्मियों द्वारा राजकार्य में बाधा एवं शिक्षकों के साथ दुर्व्यवहार तथा हाथापाई की घटना को लेकर अभी तक राज्य सरकार द्वारा कोई एक्शन नहीं लेने से कॉलेज शिक्षकों में असंतोष व्याप्त है।
राजस्थान विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) ने इसे लेकर पुनः एक पत्र मुख्यमंत्री के नाम भेजा है और इस घटना क्रम का पूरा ब्यौरा दिया है। पत्र में बताया गया कि 26 सितंबर 2021, रविवार को राजकीय महाविद्यालय थानागाजी परीक्षा केन्द्र पर रीट परीक्षा 2021 दोनों पारी में आयोजित की गई थी। परीक्षा के दौरान उपखण्ड अधिकारी थानागाजी डॉ. नवनीत कुमार ने स्थानीय तहसीलदार अक्षय प्रेम चेयरवाल एवं पुलिस कर्मियों के साथ मिलकर दोनों ही पारियों में निर्धारित अन्तिम समय सीमा के बाद आने वाले कतिपय परीक्षार्थियों को प्रवेश दिलाने के लिए सरकार द्वारा जारी नियमों और निर्देशों की खुली अवहेलना करते हुए केन्द्राधीक्षक एवं अतिरिक्त केन्द्राधीक्षक पर दबाब बनाया। परीक्षा केन्द्र पर मोबाइल फ़ोन पूर्ण प्रतिबन्धित होने के बाबजूद उपखण्ड अधिकारी के साथ आए तहसीलदार आदि ने मोबाइल से वीडियो रिकार्डिंग की और उसे आम जन में वाइरल करवाया।
पत्र में कहा गया कि दुर्भावनापूर्वक वीक्षकों को तलाशी के बहाने अपमानित करते हुए केन्द्र पर भय का वातावरण बनाकर परीक्षार्थियों को नकल करने का अवसर देने का प्रयत्न किया। केन्द्राधीक्षक एवं अतिरिक्त केन्द्राधीक्षक द्वारा नियम विरुद्ध गतिविधियों का समर्थन न किए जाने पर उपखण्ड अधिकारी तथा तहसीलदार व पुलिस कर्मियों ने अत्यन्त अभव, अमर्यादित और असंवैधानिक भाषा में अतिरिक्त केन्द्राधीक्षक डॉ कन्हैयालाल मीना को अपमानित और प्रताड़ित करते हुए उनके साथ हाथापाई की और परोक्ष रूप से परीक्षार्थियों को उकसाया। केन्द्राधीक्षक द्वारा स्थापित परीक्षा-कार्य सम्बन्धी विधिसम्मत व्यवस्था में अवांछित और अवैधानिक हस्तक्षेप कर राज कार्य में बाधा पहुंचाई।
संगठन के प्रदेश महामंत्री डॉ.सुशील कुमार बिस्सु ने मुख्यमंत्री से मांग की कि इस घटना की निष्पक्ष जाँच कराई जाए और इन अधिकारियों और कर्मचारियों पर पद का दुरुपयोग करने, राजकार्य में बाधा पहुँचाने, कॉलेज-शिक्षकों के सम्मान और शैक्षिक परिसरों की गरिमा का हनन करने, अमर्यादित, अवैधानिक और गैरजिम्मेदाराना व्यवहार करने, परीक्षा केन्द्र पर भय का वातावरण बनाने एवं शिक्षकों के साथ दुर्व्यवहार जैसे कृत्यों के लिए तुरन्त कार्यवाही की जाए।
डॉ.सुशील कुमार बिस्सु ने कहा कि अधिकारियों के इस प्रकार के कृत्यों से रीट जैसी परीक्षा की प्रतिष्ठा, सरकार के प्रति विश्वसनीयता और राज-सेवकों की वैधानिक गरिमा प्रभावित हुई है। इस अति क्षोभकारी और हतप्रभ करने वाली घटना की प्रतिक्रिया में आक्रोशित उच्चशिक्षा-संस्थानों के शिक्षकों ने 5 अक्टूबर को काली पट्टी बाँधकर प्रतीकात्मक विरोध भी किया। फिर भी राज्य सरकार की ओर से इस आक्रोश की अनदेखी की गई।
उन्होंने कहा कि सरकार की प्रतिष्ठा तथा शिक्षा संस्थानों और शिक्षकों की गरिमा का स्पष्ट हनन करने वाले अधिकारियों पर किसी वैधानिक कार्यवाही के विषय में सरकार की उदासीनता चिन्ताजनक है और अनेक संशय पैदा करती है। डॉ.सुशील कुमार बिस्सु ने कहा कि सरकार ने अब भी एक्शन नहीं लिया तो संगठन को आंदोलन करने को मजबूर होना पड़ेगा।
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