EPFO ने EDLI नियमों में बड़ा बदलाव किया है। नौकरी बदलते समय वीकेंड या छुट्टियों का गैप अब ब्रेक इन सर्विस नहीं माना जाएगा। मौत की स्थिति में न्यूनतम बीमा लाभ ₹50,000 तय।
नई दिल्ली
नौकरी बदलते समय सिर्फ शनिवार-रविवार पड़ जाना… और उसी वजह से परिवार का बीमा क्लेम उड़ जाना—अब यह कहानी इतिहास बनने वाली है। कर्मचारियों और उनके आश्रितों को बड़ी राहत देते हुए EPFO ने नियमों की ऐसी गांठ खोली है, जिससे सालों से चली आ रही एक तकनीकी नाइंसाफी पर सीधा ब्रेक लग गया है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने एक अहम सर्कुलर जारी कर स्पष्ट कर दिया है कि नौकरी बदलते वक्त आने वाला छोटा-सा गैप अब ब्रेक इन सर्विस नहीं माना जाएगा। खासकर शनिवार, रविवार या घोषित छुट्टियों के कारण होने वाला अंतर अब EDLI (Employee Deposit Linked Insurance) क्लेम खारिज करने का आधार नहीं बनेगा।
वीकेंड अब ‘ब्रेक’ नहीं
EPFO ने साफ किया है कि अगर कोई कर्मचारी शुक्रवार को एक कंपनी छोड़ता है और सोमवार को दूसरी कंपनी जॉइन करता है, तो बीच के शनिवार-रविवार को सेवा में ब्रेक नहीं माना जाएगा।
पहले इसी तकनीकी व्याख्या के चलते ऐसे कई मामले सामने आए, जहां 12 महीने से ज्यादा सेवा देने के बावजूद सिर्फ 1-2 दिन के गैप पर परिवारों का EDLI क्लेम खारिज कर दिया गया।
60 दिन तक का गैप भी अब सुरक्षित
नए सर्कुलर में एक और बड़ा बदलाव किया गया है। अब नौकरी बदलने के दौरान 60 दिन तक का अंतर भी लगातार सेवा के रूप में माना जाएगा—बशर्ते दोनों संस्थान EPF & MP Act, 1952 के दायरे में आते हों। इससे उन कर्मचारियों को भी राहत मिलेगी, जिन्हें नई नौकरी जॉइन करने में थोड़ा वक्त लग जाता है।
मौत की स्थिति में अब कम से कम ₹50,000 तय
EPFO ने EDLI स्कीम में सबसे संवेदनशील और राहत देने वाला बदलाव भी किया है।
अब किसी सदस्य की मृत्यु पर उसके आश्रित या कानूनी वारिस को न्यूनतम ₹50,000 मिलेंगे—
- चाहे कर्मचारी ने 12 महीने की सेवा पूरी की हो या नहीं
- चाहे PF खाते में औसत बैलेंस ₹50,000 से कम ही क्यों न हो
यह न्यूनतम लाभ उस स्थिति में भी मिलेगा, अगर कर्मचारी की मृत्यु आखिरी PF योगदान के छह महीने के भीतर हो जाती है और वह अभी भी कंपनी के रोल पर दर्ज है।
क्यों है यह फैसला अहम?
अब तक EDLI के कई दावे सिर्फ तकनीकी तारीखों और गैप की व्याख्या में उलझकर या तो खारिज हो जाते थे या बेहद कम राशि पर निपटा दिए जाते थे। EPFO का यह नया फैसला साफ संकेत देता है कि अब नियम कर्मचारियों के पक्ष में पढ़े जाएंगे, न कि उनके खिलाफ।
कुल मिलाकर, यह सर्कुलर सिर्फ एक नियम नहीं, बल्कि कर्मचारियों के परिवारों के लिए सुरक्षा की गारंटी है—जहां अब छोटी-सी तकनीकी चूक, बड़े हक को नहीं निगल पाएगी।
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