बारिश का कहर, बूंदी में मकान ढहा, एक ही परिवार के 7 लोग हुए दफन, सभी की मौत

बूंदी 

कोटा संभाग में भारी बारिश कहर बरपा रही है। भारी बारिश के बीच  बूंदी  (Bundi) जिले में एक मकान ढह गया और उसने  परिवार के सभी सदस्यों को जमींदोज कर दिया मकान ढहने से परिवार के 7 लोगों की  मलबे में दबने से मौत हो गई। जिस समय यह हादसा हुआ उस समय परिवार के सभी लोग सो रहे थे। बचाव दल ने सभी के शवों को बाहर निकाल लिया है। करीब नौ-दस घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बावजूद किसी के बचाया नहीं जा सकामृतकों में चार बच्चे शामिल हैं।

माकन ढहने की घटना बुधवार तड़के करीब तीन बजे की बूंदी जिले के केशवरायपाटन कस्बे में चंबल घाट की है जहां  एक परिवार के 2 भाइयों के 7 परिजनों की  हादसे में मौत हो गई हादसे के बाद इलाके में मातम पसर गया है जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक समेत अन्य अधिकारी मौके पर हैं

नगर पालिका की सुरक्षा दीवार ही बन गई जानलेवा
नगर पालिका द्वारा नावघाट के पास टीले से मिट्टी का कटाव रोकने के लिए तीन साल पहले ही चंबल किनारे सुरक्षा दीवार बनाई गई थी। लगातार हो रही बारिश से सुरक्षा दीवार टूटकर मकान पर गिर गई। केशवरायपाटन पुलिस उपाधीक्षक नीतिराज सिंह ने बताया कि भारी बारिश के कारण मकान ढहने की घटना मंगलवार आधी रात के बाद करीब 3 बजे हुई उस समय महावीर केवट और उनके छोटे भाई महेन्द्र के परिवार के लोग वहां सो रहे थेइसी दौरान मकान के पास बनी नगरपालिका की सुरक्षा दीवार महावीर के मकान पर गिर गई

नाव घाट के पास महावीर और महेंद्र केवट दो भाइयों का परिवार रहता है। अचानक मकान ढहने से परिवार मलबे में दब गया। हादसे में मीरा पत्नी महावीर (40), तमन्ना पुत्री महावीर (9), महेंद्र पुत्र सुखलाल (35), अनिता पत्नी महेंद्र (32), दीपिका पुत्री महेंद्र (7), कान्हा पुत्र महेंद्र (5) पूसी (खुशी) पुत्री महेंद्र (10) की मौत हो गई। हादसे की सूचना पर पुलिस प्रशासन मौके पहुंचा मलबे में दबे होने के कारण उन्हें निकालने के लिए तत्काल जेसीबी और अन्य साधन मंगवाए  गए

परिवार का एक सदस्य बाहर  होने से बच गया
हादसे के दौरान मकान में आठ लोग थे। महावीर हादसे की आवाज सुनकर तुरंत घर से बाहर आ गया था। उसने बेटी तमन्ना और पत्नी मीरा को बाहर निकाल लिया। तब तक बेटी की मौत हो गई थी। उसने पत्नी को कोटा एमबीएस अस्पताल में भर्ती करवाया। जहां इलाज के दौरान मीरा की मौत हो गई। महावीर का बेटा सुरेश नाना के घर गया हुआ था। इसलिए वो बच गया।