हिसार (Hisar) में DMA इंडिया और RDA अग्रोहा ने पीजी डॉक्टरों को बिना सुपरविजन सिविल अस्पताल भेजने के विरोध में सीएम को ज्ञापन सौंपा। संगठनों ने आदेश तुरंत वापस लेने की मांग की।
हिसार
HCMSA हड़ताल के बीच पीजी डॉक्टरों को बिना किसी सीनियर सुपरविजन सिविल अस्पतालों में तैनात करने के आदेश पर आज बड़ा विरोध खड़ा हो गया। डीएमए इंडिया और आरडीए अग्रोहा ने संयुक्त रूप से महाराजा अग्रसेन मेडिकल कॉलेज अग्रोहा की निदेशक डॉ. अलका छाबड़ा को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नाम ज्ञापन सौंपकर इस निर्णय को एनएमसी और डीआरपी नियमों का गंभीर उल्लंघन बताया।
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डीएमए इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं अग्रोहा आरडीए महासचिव डॉ. अमित व्यास, अग्रोहा आरडीए संस्थापक डॉ. सन्नी और अध्यक्ष डॉ. अविनाश के नेतृत्व में पदाधिकारी एकत्र हुए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि—
- बिना वरिष्ठ सुपरविजन पीजी को सिविल अस्पताल भेजना न सिर्फ अकादमिक प्रशिक्षण को नुकसान पहुँचाता है, बल्कि मरीज सुरक्षा के लिए खुला जोखिम भी है।
- यह निर्णय एनएमसी द्वारा तय विभागीय रोटेशन और डीआरपी के नियमों का सीधा उल्लंघन है—क्योंकि पीजी डॉक्टर केवल सीनियर सुपरविजन में ही कार्य कर सकते हैं।
सरकार के सामने तीन सीधी माँगें
- पीजी डॉक्टर्स को सिविल अस्पताल भेजने के सभी आदेश तुरंत वापस लिए जाएँ।
- पीजी को उनके मूल संस्थान में ही एनएमसी-अनुरूप प्रशिक्षण जारी रखने दिया जाए।
- डीआरपी के तहत सीनियर सुपरविजन के बिना किसी पीजी से कार्य न कराया जाए।
संयुक्त संगठनों ने कहा कि यह सिर्फ डॉक्टरों के प्रशिक्षण का मुद्दा नहीं, बल्कि मरीजों के अधिकारों और सुरक्षा से भी सीधे जुड़ा है। इसलिए सरकार का तत्काल हस्तक्षेप जरूरी है।
बैठक में डॉ. राहुल राव, डॉ. संदीप, डॉ. गजेन्द्र, डॉ. निवेदिता, डॉ. चाँद, डॉ. सौरभ, डॉ. सचिन, डॉ. निशांत, डॉ. अमित ग्रेवाल, डॉ. दीक्षा शर्मा सहित कई पदाधिकारी उपस्थित रहे और उन्होंने इस निर्णय पर गंभीर चिंता जताई।
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