पाइप लाइन से बहा भ्रष्टाचार, जनता की जेब पर मार | दौसा के बजरंग नगर में जलदाय विभाग ने कनेक्शन के नाम पर मांगे 9200 रुपए

दौसा 

दौसा (Dausa) जिला मुख्यालय पर जलदाय विभाग (PHED) की लापरवाही और भ्रष्टाचार ने हदें पार कर दी हैं। बजरंग नगर और आशावारी डूंगरी के निवासियों को एक साल से अधूरी पड़ी पानी की पाइप लाइन और टूटी सड़कों की दोहरी सज़ा भुगतनी पड़ रही है।

स्थानीय लोगों ने बताया कि गुप्तेश्वर रोड से बजरंग नगर तक एक साल पहले पानी की पाइप लाइन तो डाल दी गई, लेकिन मरम्मत आज तक नहीं हुई। जगह-जगह गड्ढों ने सड़कों को खतरनाक बना दिया है, कई बार शिकायतें करने के बावजूद अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी।

अब जब कॉलोनी में सड़क निर्माण कार्य शुरू हुआ तो लोगों ने जलदाय विभाग से मांग की कि पहले पाइप लाइन से कनेक्शन दे दिए जाएं ताकि नई सड़क तोड़ने की नौबत न आए। जिन लोगों ने मार्च से पहले 2200 रुपए जमा कर फाइलें जमा करवाई थीं, उन्हें तो कनेक्शन दे दिए गए। लेकिन जिनकी फाइलें बाद में जमा हुईं, उनसे विभाग के अधिकारी अब सीधे 9200 रुपए की मांग कर रहे हैं।

स्थानीय लोगों ने चौंकाने वाला खुलासा किया कि कुछ महीनों पहले आधार कार्ड और बिजली बिल दिखाकर ही मुफ्त में नल कनेक्शन दिए जा रहे थे। अब अचानक 9200 रुपए की उगाही की जा रही है, जबकि लाइन में अभी तक पानी भी नहीं आया। यही नहीं, 12 दिन पहले कुछ लोगों को कनेक्शन दे दिए गए, उनमें से एक ने तो फाइल तक जमा नहीं करवाई थी- ये किस अधिकारी की मेहरबानी थी, यह जांच का विषय है।

भ्रष्टाचार का खेल यहीं नहीं रुका। जब वाशिंदों ने ई-मित्र से 100 रुपए में फाइलें ऑनलाइन करवाईं, तो विभाग ने उसे फर्जी बता दिया और कहा कि जलदाय विभाग के पंपलेट पर दिए गए खास ई-मित्र से ही फाइलें अपलोड करवाई जाएं। आश्चर्य की बात यह है कि वह ई-मित्र की दुकान जलदाय विभाग के जेईएन के ही मकान में चल रही है, जहां एक फाइल का 300 रुपए चार्ज लिया जा रहा है।

स्थानीय लोगों का आरोप है कि पूरे दौसा शहर की नल कनेक्शन की फाइलें इसी दुकान से ही ऑनलाइन करवाई जा रही हैं। यह न केवल मनमानी है बल्कि एक गहरे भ्रष्टाचार का संकेत भी देती है।

बजरंग नगर के वाशिंदों ने जिले के जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों से मांग की है कि-

  • पाइप लाइन से सभी लोगों को समान रूप से पानी की नलकी निकाल कर कनेक्शन दिया जाए,
  • अवैध रूप से 9200 रुपए मांगने वाले अधिकारियों पर जांच बैठाई जाए,
  • ई-मित्र के जरिए हो रही धांधली और जेईएन की संलिप्तता की निष्पक्ष जांच करवाई जाए।

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