विवि और कॉलेजों में अब साइंस के साथ आर्ट्स या कॉमर्स के विषय भी पढ़ सकेंगे विद्यार्थी

नई दिल्ली 


UGC ने holistic education लागू करने के जारी किए आदेश


अब विवि और कॉलेजों में विद्यार्थी साइंस के साथ आर्ट्स या कॉमर्स के विषय भी पढ़ सकेंगे कोर विषय के साथ विद्यार्थी स्किल्स से जुड़े विषय को भी रख कर भी योग्यता बढ़ा सकेंगेसभी विवि और कॉलेजों में अब मल्टीडिस्पिलनरी (एक से अधिक विषय) और होलेस्टिक (सम्पूर्ण) एजुकेशन पद्धति लागू होगी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है 

आयोग के अध्यक्ष प्रो. डीपी सिंह ने सभी विवि के कुलपतियों को पत्र भेज कर इसे शीघ्र लागू करने का निर्देश दिया है पत्र में कहा है कि ज्ञान की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने के लिए बहु विषयक शिक्षा आवश्यक है इससे विद्यार्थी की बौद्धिक, सामाजिक, शारीरिक, भावनात्मक और नैतिक क्षमता विकसित होगी

इस पद्धति के लागू होने से स्नातक में अगर किसी विद्यार्थी ने विज्ञान के किसी विषय को कोर विषय में शामिल किया है, तो वह उसी समय कला के किसी विषय या फिर वोकेशनल या पेशेवर विषय को भी साथ में रखकर पढ़ाई पूरी कर सकता है आयोग के अध्यक्ष ने विवि से कहा है कि वह इसे अपने यहां लागू कर यूजीसी द्वारा संचालित यूनिवर्सिटी मॉनिटरिंग पोर्टल में इसकी जानकारी दें

बढ़ेगी नॉलेज
शिक्षकों का मानना है कि विवि और कॉलेजों में मल्टीडिसीप्लिनरी एजुकेशन पद्धति लागू करने से विद्यार्थियों की  नॉलेज बढ़ेगी। अब जॉब में भी मल्टीटैलेंटेड उम्मीदवार की ज्यादा पूछ होती है। ऐसे में यह पद्धति बहुत कारगर होगी। इसमें मुख्य विषय से मिलता-जुलता विषय ही ज्यादा कारगर होगा। कॉलेज-यूनिवर्सिटी से मल्टी टैलेंटेड विद्यार्थी निकलेंगे।

शिक्षकों की कमी करनी होगी दूर
इसे लागू करने के लिए सभी विवि में सुविधाएं बढ़ानी होंगी शिक्षकों की कमी दूर करनी होगी
सभी विवि में आधारभूत संरचना के साथ-साथ शिक्षकों की कमी इस पद्धति को प्रभावित कर सकती है इसके लिए सभी कॉलेजों और स्नातकोत्तर विभागों के सभी विषयों में पर्याप्त शिक्षकों की आवश्यकता होगी इसी प्रकार क्लास रूम की संख्या भी बढ़ानी होगी




 

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