चाहत एक हमसफर से…

बात तो तब है जब मैं सुंदर न भी दिखूं,
तब भी वो मुझे उतना ही प्यार करे।
बालों में आयी धीरे-2 सफेदी का मज़ाक न करे

पी चुके हैं हम विष का प्याला

बस बहुत हुआ अब और नहीं,
तुझमें मेरा अब ठौर नहीं,
बहुत अलग है दुनिया मेरी,
इस दुनिया में तेरा गौर नहीं।