मथुरा
अपनी आवाज का लोहा मनवाने वाले उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. सत्यदेव आज़ाद का 88 साल की आयु में राजस्थान की राजधानी जयपुर में गुरुवार दोपहर निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार शुक्रवार सुबह नौ बजे मथुरा में किया जाएगा।

डॉ. सत्यदेव देव आज़ाद करीब दो साल से बीमार चल रहे थे और जयपुर में अपनी छोटी बेटी विधि अग्रवाल के पास उपचार करा रहे थे। पिछले करीब डेढ माह से उनकी तबीयत खराब थी। दो दिन पहले तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उनको जयपुर के महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। और वैन्टीलेटर पर थे। चिकित्सकों के तमाम प्रयासों के बाद भी उनको बचाया नहीं जा सका। आज दोपहर करीब पौने बारह बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।
डॉ सत्यदेव आज़ाद उम्र भर स्वामी दयानंद सरस्वती और आर्यसमाज के आदर्शों पर चले और उन आदर्शों को अपने जीवन में उतारा। नियमित यज्ञ में उनकी आस्था रही। अपना पूरा जीवन अपनों की और दूसरों की मदद और सेवा में लगा दिया। बचपन से ही माता-पिता के देहांत के बाद अपना जीवन संघर्षों में बीता। युवावस्था में बॉलीवुड में अभिनेता बनने के लिए महशूर गायक किशोर कुमार द्वारा बुलाया गया था मगर पारिवारिक स्थितियों के चलते बॉलीवुड में कदम नहीं रख सके। एक दृढ़ संकल्पी, संघर्षशील, विशाल हृदय के व्यक्ति जिन्होंने ख़ुद से पहले परिवार और दूसरों को आगे रखा।

डाक्टर आज़ाद चलती-फिरती लाइब्रेरी थे। पर्यावरण, पत्रकारिता सहित कई विधाओं की एक दर्जन से ज्यादा पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। इनमें वाक् कला, पाषाण मुक्ति, आलास चेतना की पाँखें आदि शामिल हैं। डॉ. सत्यदेव आज़ाद आकाशवाणी में वरिष्ठ उद्घोषक के पद से रिटायर हुए थे और करीब 27 साल मथुरा में सेवाएं दीं। रिटायरमेंट के बाद करीब ढाई दशक तक नारी चेतना और बाल बोध मासिक पत्रिका वामांगी का प्रकाशन किया था। डॉ. सत्यदेव देव आजाद ने आकाशवाणी मे अपनी सेवाओं के दौरान दिवंगत राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह, फ़क़रुद्दीन अली अहमद, दिवंगत प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी जैसी हस्तियों के इन्टरव्यू लिए थे।