अलीगढ़
अलीगढ़ पुलिस ने बच्चों को चोरी कर बेचने के एक ऐसे बड़े रैकेट का खुलासा किया है जो गरीबों को धमका कर मासूमों को उठा ले जाते थे और फिर उन मासूमों को 50 हजार से लेकर कई लाख की कीमत में अमीरों को बेच देते थे। पुलिस ने इस मामले में लिप्त 16 लोगों को गिरफ्तार किया है। जिनमें कुछ महिलाएं भी शामिल हैं। गितफ़्तार लोगों में वे भी शामिल हैं जिन्होंने बच्चों को खरीदा था। पुलिस ने गिरोह के कब्जे से पांच बच्चे भी बरामद किए हैं।
आपको बता दें कि अलीगढ़ में पिछले कुछ महीनों में सड़क किनारे रहने वाले गरीब परिवारों के बच्चे चोरी होने की सूचनाएं पुलिस को मिल रही थी। इसके बाद यूपी पुलिस एक्शन में आई और इस बच्चा चोर गिरोह को दबोच लिया। बताया जा रहा है कि इस गिरोह के लोग उत्तरप्रदेश के सीमावर्ती राज्यों राजस्थान के भरतपुर, अलवर सहित हरियाणा और दिल्ली में भी सक्रिय थे। पुलिस अभी इस नेटवर्क के बारे में और जानकारी जुटा रही है।
अलीगढ़ के एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि,जनपद अलीगढ़ पुलिस द्वारा एक बड़ी कार्रवाई की गई है, जिसमें बच्चा चुराने वाले, उनको मध्यस्थता कर बेचने वाले और खरीदने वाले इस तरह के अपराधी व्यक्तियों के पूरे गैंग का पर्दाफाश किया गया है। पुलिस ने एक ही रात में चले ऑपरेशन में 5 बच्चे बरामद किए हैं। यह बच्चे पिछले 7 माह के अंदर विभिन्न जनपदों से चोरी किए गए थे।
पुलिस ने अभी तक की छानबीन से मिली सूचनाओं के आधार पर बताया कि गिरोह के लोग गाजियाबाद व अलीगढ़ से सड़क किनारे झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले गरीब परिवारों के बच्चे चुराकर संभ्रांत घरों में जिनके बच्चे नहीं होते थे उनको बेच दिया करते थे। पुलिस ने मामले में उन लोगों को भी हिरासत में लिया है, जिन लोगों ने इन बदमाशों से बच्चे खरीदे थे। बरामद बच्चों में गाजियाबाद के दो व अलीगढ़ के तीन बच्चे हैं।
ऑपरेशन खुशी चलाया गया
दरअसल, बच्चा चोरी की घटनाएं पुलिस के लिए सिरदर्द बनी हुई थी, जिसके बाद एसएसपी अलीगढ़ ने ऑपरेशन खुशी अभियान चलाया, जिसमें पुलिस की कुछ टीम इस मामले के खुलासे के लिए लगाई गई थीं। थाना महुआ खेड़ा पुलिस ने ऐसे ही एक रैकेट का पर्दाफाश किया और कुछ बच्चा चोरों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया कि गिरोह के लोग बच्चा चुराकर जिनके बच्चे नहीं होते थे, उन परिवारों में इन मासूमों को बेच दिया करते थे। इसकी एवज में वे इन परिवारों से 50000 से कई लाख रुपए तक वसूल करते थे। पुलिस ने इन बदमाशों की निशानदेही पर कुछ बच्चों को भी बरामद किया है व बच्चा खरीदने वाले कुछ लोगों को भी हिरासत में लिया है।
थाने पहुंची महिलाएं
बच्चा चोरी के मामले के खुलासे की जानकारी होने के बाद अलीगढ़ में जिन गरीब महिलाओं के बच्चे चोरी हुए थे वह भी थाना महुआ खेड़ा पहुंच गई। उन महिलाओं ने बताया कि, हमारे पास एक गाड़ी आई उन्होंने हमें धमकाया और फिर हमारे घर वाले को उठा कर ले जा रहे थे। हम पूरी रात जागे। जब हम करीब चार बजे सो गए तो सुबह पता चला कि बच्चा गायब है। बच्चा कौन ले गया यह पता नहीं है? आज हमको पता चला किसी ने बताया कि, बच्चे मिले हैं इसलिए हम अपने बच्चों की तलाश करने थाने आए हैं।
तीन अभियुक्त हैं मुख्य सरगना
इस गैंग के मुख्य अभियुक्तों के नाम दुर्योधन, अनिल और शुभम हैं। यह तीनों बच्चे चुराया करते थे। यह अक्सर रात में अकेले बच्चे जो घर के बाहर होते थे उनको चुराते थे। गिरोह में शामिल बबली, नेहालक्ष्मी, चांदनी और रेखा हैं। इन के माध्यम से निसंतान दंपतियों को बेचा करते थे। इसके एवज में 50 हजार रुपए से लेकर कई लाख तक लिया करते थे।
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