राजस्थान के पंचायत चुनाव में भाजपा का खेला, फाइनल आते-आते पस्त हो गई कांग्रेस

योगेंद्र गुप्ता 

जयपुर। राजस्थान में सत्ताधारी दल कांग्रेस को पंचायत चुनावों में जब फ़ाइनल मुकाबले की बारी आई तो उम्मीद के मुताबिक उसके पक्ष में नतीजे नहीं आए। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के गुटों में फंसी कांग्रेस की इन चुनावों में आखिरी दौर आते-आते किरकिरी ज्यादा हो गई। पायलट खेमा एक प्रकार से इन चुनावों में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को झटका देने में कामयाब हो गया। भाजपा के रणनीतिकारों ने इसका भरपूर फायदा उठाया और फ़ाइनल दौर आते-आते कांग्रेस की दम ही निकाल दी।

जिला परिषद के जब सदस्यों के चुनाव हुए तो उसमें कांग्रेस ने 6 जिलों में से चार और भाजपा ने केवल एक ही जिला परिषद में बहुमत का आंकड़ा पार किया था, लेकिन फ़ाइनल आते-आते जब जिला प्रमुख के चुनाव की बारी आई तो भाजपा की रणनीति के आगे कांग्रेस पस्त होती नजर आई। भाजपा ने  बाजी पलट दी और 6 जिला परिषदों में से तीन में अपने जिला प्रमुख बनवाने में कामयाब हो गई जबकि कांग्रेस चार की जगह केवल तीन जिला परिषदों में ही जिला प्रमुख बनवा पाई।

हालांकि कांग्रेस की प्लानिंग पांच जिला परिषदों में अपने उम्मीदवारों को जिला प्रमुख बनवाने की थी। पर वह अपनी बहुमत वाली एक जिला परिषद को ही खो बैठी। तीन जिला परिषदों पर ही उसे संतोष करना पड़ा।

भाजपा को केवल एक जिले सिरोही में ही बहुमत मिला था लेकिन उसने जयपुर और भरतपुर में भी अपने जिला प्रमुख बनवा लिया। कांग्रेस को 4 जिलों में स्पष्ट बहुमत मिला था लेकिन उसके 6 जिलों में से 3 में ही जिला प्रमुख बने।

जयपुर  में बीजेपी की रमा देवी, जोधपुर में कांग्रेस उम्मीदवार लीला मदेरणा, भरतपुर में बीजेपी उम्मीदवार जगत सिंह, सिरोही में बीजेपी के अर्जुन पुरोहित, दौसा में कांग्रेस के हीरालाल सैनी और सवाईमाधोपुर में कांग्रेस के जिला प्रमुख जीते हैं।

राजधानी में पायलट खेमे का जोर का झटका
कांग्रेस की सबसे ज्यादा किरकिरी जयपुर जिला परिषद में हुई। कांग्रेस के टिकट पर जिला परिषद सदस्य बनीं  रमा देवी ने सुबह होते-होते अपना खेमा बदल लिया और भाजपा में शामिल हो गईं भाजपा ने भी उनको अपना उम्मीदवार बना कर जिला प्रमुख बनवा दिया। जयपुर में बहुमत होते हुए भी कांग्रेस जिला प्रमुख की सीट गंवा बैठी।

सूत्रों के अनुसार पायलट कैंप के कट्टर समर्थक विधायक वेद प्रकाश सोलंकी रमा देवी को ही जिला प्रमुख बनाना चाहते थे और इसे लेकर उनकी प्रदेश नेतृत्व से भी लगातार बातचीत चल रही थी, लेकिन आनन-फानन में प्रदेश नेतृत्व ने रमा देवी की बजाए सरोज कुमारी शर्मा को जिला प्रमुख का कांग्रेस का अधिकृत प्रत्याशी बना दिया, जिससे वेद प्रकाश सोलंकी नाराज हो गए। और उन्होंने प्रदेश कांग्रेस के नेताओं में से किसी का भी फोन रिसीव करना बंद कर दिया। और सोलंकी ने रमा देवी को भाजपा खेमे में जाने की सहमति दे दी।

ऐसे गड़बड़ा गया कांग्रेस का गणित
रमा देवी और एक अन्य सदस्य के कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में चले जाने से जयपुर जिला परिषद में कांग्रेस का सारा गणित गड़बड़ा गया। जयपुर जिला परिषद में कुल 51 सदस्य हैं, जिला प्रमुख बनाने के लिए 26 सदस्य चाहिए। कांग्रेस 27 सदस्य जीती, लेकिन रमा देवी और जैकी के चले जाने से अब 25 सदस्य रह गए। बीजेपी के पास पहले 24 सदस्य थे, अब दो कांग्रेस के मिलने से बहुमत का आंकड़ा बीजेपी के पास हो गया है। कांग्रेस के खेमे में बीजेपी की सेंध लगते ही जयपुर जिला प्रमुख का चुनाव रोचक हो गया।

जोधपुर में भी आया पसीना
कांग्रेस को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के घर जोधपुर में भी एकबार तो अपना जिला प्रमुख बनवाने में पसीने छूट गए जोधपुर में कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे परसराम मदेरणा की पुत्रवधू लीला मदेरणा को लेकर कांग्रेसी में भारी खींचतान थी। पूर्व सांसद बद्री जाखड़ की बेटी मुन्नी देवी गोदारा और एक कांग्रेस सदस्य नेहा ने भी नामांकन भर दिया था। आखिर में कांग्रेस के रणनीतिकारों ने समझा बुझाकर दोनों को लीला के पक्ष में मनाया। इसके बाद ही कांग्रेस जिला प्रमुख का चुनाव जीत पाई। लीला मदेरणा को 37 में से 21 वोट मिले।

भरतपुर में बीजेपी के जगत सिंह बने जिला प्रमुख
भरतपुर से पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह के बेटे जगत सिंह बीजेपी के टिकट पर जिला प्रमुख का चुनाव जीत गए। जगत सिंह को 28 वोट मिले, जबकि बीजेपी के 17 सदस्य ही जीते थे। इस तरह जगत सिंह ने कांग्रेस और निर्दलीयों को मिलाकर 11 वोट ज्यादा लिए। भरतपुर जिला परिषद में कुल 37 सदस्य हैं। बहुमत के लिए 19 चाहिए थे। जगत सिंह को बहुमत से 9 वोट ज्यादा मिले। कांग्रेस के 14 सदस्य होने के बावजूद पार्टी की उम्मीदवार हलीमा को केवल 9 वोट मिले।

दौसा में कांग्रेस के हीरालाल सैनी जिला प्रमुख बने
दौसा जिला प्रमुख के पद पर हीरालाल सैनी को निर्वाचित घोषित किया गया है। हीरालाल सैनी ने भाजपा की नीलम गुर्जर को हराया। हीरालाल सैनी को 16 और नीलम को 13 वोट मिले। दौसा जिला परिषद में 29 सदस्य हैं। कांग्रेस के 1 सदस्य ने क्रॉस वोटिंग की। बीजेपी के 8 सदस्य जीते थे लेकिन उसकी उम्मीदवार को 7 वोट ज्यादा मिले।

सिरोही में भाजपा के अर्जुन पुरोहित जिला प्रमुख बने
सिरोही में बीजेपी उम्मीदवार अर्जुन पुरोहित चुनाव जीत गए हैं। अर्जुन पुरोहित को 17 वोट मिले जब​कि कांग्रेस के हरीश चौधरी को 4 वोट मिले। सिरोही जिला परिषद में 21 सदस्य हैं, बीजेपी के 17 सदस्य और कांग्रेस के 4 सदस्य जीते थे।

सवाईमाधोपुर में कांग्रेस की  सुदामा मीणा बनीं जिला प्रमुख
सवाईमाधोपुर में कांग्रेस उम्मीदवार सुदामा मीणा जिला प्रमुख का चुनाव जीतीं हैं, सुदामा मीणा को 17 और बीजेपी उम्मीदवार बीना मीणा को 8 वोट मिले। कांग्रेस उम्मीदवार को 1 वोट ज्यादा मिला। सवाईमाधोपुर में कुल 25 सदस्य हैं।