जयपुर
विधानसभा के बजट सत्र में शुक्रवार को प्रश्नकाल के दौरान एकबार फिर अपने ही एक मंत्री के जवाब से सत्तापक्ष कांग्रेस के लिए असहज की स्थिति पैदा हो गई। हालांकि सदस्यों की हंसी के बीच सदन की कार्रवाई आगे बढ़ गई।
दरअसल नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने महाराणा प्रताप से जुड़े स्थानों पर विकास का मुद्दा सदन में उठाया था। इस समय यह विभाग पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह के पास है। वे इस सवाल का जवाब देने उठे और बोले कि मैं एक साल से छुट्टी पर था। मेरे पीछे से यह विभाग मुख्यमंत्री के पास था। इस जवाब पर कटारिया सहित पक्ष-विपक्ष के विधायक भी ठहाके लगे।
बीजेपी विधायक धर्म नारायण जोशी ने महाराणा प्रताप से संबंधित स्थानों के रेनोवेशन और विकास से जुड़ा मूल सवाल लगाया था। इसके जवाब में पर्यटन मंत्री ने बताया कि महाराणा प्रताप से सम्बन्धित स्थलों के विकास और संरक्षण के लिए मेवाड़ कॉम्प्लेक्स फेज-दो के तहत काम हुए हैं। नेता प्रतिपक्ष कटारिया ने सवाल उठाया कि जो जवाब दिया है, उसके हिसाब से 2018-19 के बाद कोई काम नहीं हुआ है। साल 2019-20 और 20-21 का कॉलम खाली है। इससे आपको लग गया होगा कि विभाग का क्या रवैया है?
इसके जवाब में पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा— मैं एक साल छुट्टी पर चला गया था, सीएम के पास इस विभाग का चार्ज था। अब वापस आया हूं। इस काम में तेजी लाई जाएगी। आपके आदेश का पालन होगा।
आपको बता दें कि सचिन पायलट खेमे ने जब पार्टी से बगावत की थी तो उस समय मुख़्यमंत्री अशोक गहलोत ने डिप्टी सीएम पायलट सहित मंत्री विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को बर्खास्त कर दिया था। तब विश्वेंद्र सिंह पर्यटन मंत्री थे। उस समय ये विभाग गहलोत के पास ही थे। करीब सवा साल बाद नवंबर 2021 में विश्वेंद्र सिंह की वापसी हुई और फिर वापस पर्यटन मंत्री बना दिया गया। इसी पर हंसी मजाक के मूड में विश्वेंद्र सिंह ने कहा ‘ मैं एक साल छुट्टी पर चला गया था, सीएम के पास इस विभाग का चार्ज था। अब वापस आया हूं।
पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह के इस जवाब से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ही घेरे में आ गए और इसके बाद फिर राजनीतिक गपशप शुरू हो गईं। वैसे भी विश्वेन्द्र सिंह में ये खूबी है कि हंसी मजाक में ही वे एक तीर से कई शिकार कर जाते हैं।
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