RU के शिक्षकों को 8 साल बाद खुशियों की सौगात, पदोन्नति का लिफाफा खुलते ही पूरा हुआ प्रोफेसर बनने का सपना

जयपुर 

राजस्थान विश्व विद्यालय (Rajasthan University) के शिक्षकों को शनिवार के दिन खुशियों की सौगात मिली। आज जैसे ही पदोन्नति का बंद लिफाफा खोला गया वैसे ही इन शिक्षकों का एसोसिएट प्रोफेसर से प्रोफ़ेसर बनने का सपना पूरा हो गया। करीब आठ साल बाद उनको यह तोहफा मिला है। 

शनिवार को राजस्थान विश्वविद्यालय (Rajasthan University) की सिंडिकेट मीटिंग थी इसमें हंगामा भी हुआदरअसल 24 मार्च, 2021 से आरयू के सभी विभागों के एसोसिएट प्रोफेसरों की साक्षात्कार प्रक्रिया शुरू हो गई थी और यह प्रक्रिया 12 सितंबर, 2021 तक चली आज सिंडिकेट की बैठक में लिफाफे खोलकर शिक्षकों को पदोन्नति दी गई

आरयू में महज चार ही प्रोफेसर बचे थे
आपको बता दें कि साल 2012 में करीब 35 एसोसिएट प्रोफेसर से प्रोफेसर के पद पर पदोन्नति हुई थी, जिसके बाद राजस्थान यूनिवर्सिटी में प्रोफेसरों की संख्या करीब 60 तक पहुंच गई थी लेकिन इसके बाद से ही यूनिवर्सिटी के शिक्षकों को पदोन्नति का इंतजार था इस दौरान साल 2012 से 2021 तक 56 प्रोफेसर सेवानिवृत्त हो गए ऐसे में अब प्रोफेसरों की संख्या महज 4 ही बची थी साल 2013 में एसोसिएट प्रोफेसरों से पदोन्नति के लिए आवेदन ले लिए गए थे लेकिन इस पदोन्नति की प्रक्रिया को पूरा करने में 8 साल का समय बीत गया

इस फैसले से करीब 100 से ज्यादा सेवारत शिक्षकों को पदोन्नति का लाभ मिलेगा वहीं करीब 100 से ज्यादा सेवानिवृत्त शिक्षकों को पदोन्नति का लाभ मिलेगा

हंगामा भी हुआ, दो गुटों में बंट गए शिक्षक
सिंडीकेट की बैठक काफी हंगामेदार भी रही सेवानिवृत्त शिक्षकों के लिफाफे खोलने को लेकर सिंडीकेट के सदस्य दो गुट में बंटते हुए नजर आए जिसके बाद सिंडीकेट सदस्य विधायक अमीन कागजी और राज्य सरकार के नॉमिनी सदस्य रामलखन मीणा बीच में ही मीटिंग छोड़कर चले गए और उसके कुछ देर बाद एक और सिंडीकेट सदस्य ने मीटिंग का वॉकआउट किया लेकिन 5 सदस्यों का कोरम पूरा होने के चलते सिंडीकेट में शाम को लिफाफे खोले गए

साल 2013 में एसोसिएट प्रोफेसरों से पदोन्नति के लिए आवेदन ले लिए गए थे लेकिन इस पदोन्नति की प्रक्रिया को पूरा करने में आठ साल का समय बीत गया साक्षात्कार प्रक्रिया पूरी होने के बाद से ही शिक्षक पदोन्नति के लेटर्स जारी करने की मांग कर रहे थे पदोन्नति का इंतजार करते हुए करीब 120 से ज्यादा शिक्षक सेवानिवृत्त हो चुके हैं

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