60 मिनट में सड़कों पर 50 किमी दौड़ी कार, टायर फटा तो रिम पर दौड़ाता रहा

जयपुर

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जयपुर की सड़कों पर एक युवक के दुस्साहस ने लोगों की जान सांसत में डाल दी। इस युवक ने  फ़िल्मी स्टाइल में तमाम नाकेबंदियों को धता बताते हुए साठ मिनट में पचास किमी कार दौड़ा दी। उसकी कार की स्पीड कितनी खतरनाक थी इसका अंदाजा इसी ले लगा सकते हैं कि उसने छह जगह नाकाबंदी तोड़ी और फिर इसी दौरान उसकी कार डिवाइडर से जा टकराई। इससे उसका टायर फट गया। इसके बाद भी वह रिम के सहारे ही अपनी कार को दौड़ता रहा। रिम सड़क से घिसटने पर चिंगारियां निकलती रहीं। ये तो वक्त रात का था। सड़कों पर चहल-पहल नहीं थी। वरना इस दुस्साहसी युवक ने कोई बड़ा हादसा करने में कोई कसार नहीं छोड़ी थी।

मामला 11 फरवरी की आधी रात के बाद का है।  शहर में जब खतरनाक तरीके से दौड़ती इस डस्टर कार को पुलिस ने पकड़ना चाहा, तो उसने कार की स्पीड तेज कर दी और भागते हुए 6 जगह पुलिस की नाकेबंदी तोड़ डाली। 13 थानों के 100 से ज्यादा पुलिस वाले उसे पकड़ने में नाकाम रहे। पीछा कर रहीं पुलिस की दो गाड़ियों को टक्कर मार दी। इससे एक सिपाही घायल हो गया। रात 2 बजे एमआई रोड पर कार ने खासाकोठी के सर्किट हाउस में खड़ी अलवर के एक विधायक की गाड़ी को टक्कर मारी।

इन रास्तों में दौड़ाई कार 
नाकाबंदी तोड़ने पर विश्वकर्मा थाने में मौजूद पुलिसकर्मियों ने रोकने की कोशिश की, लेकिन कार की रफ्तार तेज होने से वे उसे रुकवा नहीं सके। इसके बाद सीकर रोड से विद्याधर नगर, शास्त्री नगर, पीतल फैक्ट्री, पानीपेच चौराहा, बनीपार्क होते हुए जयसिंह हाइवे पर पहुंचा। यहां से कलेक्ट्री सर्किल, खासाकोठी चौराहा से अशोक नगर में अहिंसा सर्किल पहुंच गया। इसके बाद कार स्टेच्यू सर्किल, नारायण सिंह सर्किल, त्रिमूर्ति सर्किल, मोती डूंगरी सर्किल पहुंचा। वहां एक बेरिकैड को टक्कर मारकर मोतीडूंगरी थाने के कांस्टेबल रतनाराम को घायल कर दिया। फिर कार गुरुद्वारा मोड़, ट्रांसपोर्ट नगर, एमआई रोड होते हुए रात करीब 2 बजे सर्किट हाउस पर अलवर के एक विधायक की कार को टक्कर मारी। आगे रास्ता बंद था तो पीछा कर रहे एएसआई मुकेश कुमार ने आरोपी रोमिक को पकड़ लिया।

नहीं था ड्राइविंग लाइसेंस
गिरफ्तार युवक का नाम रोमिक भामू (25) निवासीअलीपुर, झुंझूनूं है। वह एक ऑनलाइन एजुकेशन एप कंपनी में जॉब करता है। वह अपने पिता की गाड़ी लेकर जयपुर घूमने के लिए निकला था। उसके दोस्त हितेश व मनीष भी कार में सवार थे। वे तीनों नाहरगढ़ किले पर जाना चाहते थे। उसके पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था, इसलिए उसने नाकाबंदी तोड़कर कार को आगे निकाल लिया। हालांकि, सूत्रों ने बताया कि कार में बैठे तीनों लोग नशे में भी थे।





 

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