जयपुर
जयपुर की कालवाड़ रोड पर सोमवार को एसीबी ने ऐसा जाल बिछाया कि पूरा शहर दंग रह गया। आरोप है कि पटवारी नरेंद्र मीणा ने हाथोज इलाके की 10 बीघा जमीन के नामांतरण खोलने के लिए सीधे-सीधे 50 लाख रुपये की रिश्वत की मांग कर डाली।
शिकायत मिलते ही एसीबी की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन यूनिट (एसआईयू) हरकत में आई और सत्यापन के दौरान सौदा 30 लाख रुपये पर तय हुआ। यहीं से शुरू हुआ रिश्वतखोरी का बड़ा ड्रामा।
रविवार को एसीबी ने ट्रैप की कार्रवाई करते हुए पटवारी के खास दलाल विकास शर्मा को 30 लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया। परिवादी के पास इतनी भारी रकम नहीं थी, इसलिए एसीबी ने चालाकी दिखाई— 5 लाख रुपये असली और 25 लाख के डमी नोट मिलाकर घूस का जाल बिछाया गया।
जैसे ही दलाल ने रकम हाथ में ली, एसीबी ने दबोच लिया। लेकिन इसी दौरान पटवारी नरेंद्र मीणा को भनक लग गई और वह मौके से फरार हो गया। एसीबी सूत्रों का दावा है कि पटवारी और दलाल के बीच की घूस सौदेबाजी की वीडियो रिकॉर्डिंग भी मौजूद है।
अब एसीबी की टीमें जगह-जगह दबिश दे रही हैं, लेकिन पटवारी मीणा का कोई सुराग नहीं मिल पाया है। फिलहाल दलाल गिरफ्तार है और पटवारी की तलाश जारी है।
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