जयपुर/भरतपुर/आगरा
अब मरुधर एक्सप्रेस और खजुराहो एक्सप्रेस भी जल्दी ही इलेक्ट्रिक ट्रैक पर दौड़ लगाएंगी। करीब दो साल बाद रेल यात्रियों का यह सपना पूरा होगा। रेल यात्रियों का यह सपना पूरा करने के लिए रेलवे ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। रेलवे ने एक अप्रेल से भरतपुर-बांदीकुई रेल मार्ग पर पहली बार आगरा फोर्ट – अजमेर इंटरसिटी ट्रेन को इलेक्ट्रिक इंजन के साथ दौड़ाया। इलेक्ट्रिक इंजन के साथ आगरा फोर्ट – अजमेर इंटरसिटी ट्रेन पहले से ज्यादा स्पीड से दौड़ी। रेलवे की यह ट्रायल सक्सेज रही। अब वह जल्दी ही मरुधर एक्सप्रेस और खजुराहो एक्सप्रेस को भी इलेक्ट्रिक इंजन के साथ दौड़ाने की तैयारी में है। आपको बता दें आगरा और बांदीकुई के बीच रोजाना हजारों अप-डाउनर्स यात्रा करते हैं। इनमें नौकरीपेशा और व्यापारी वर्ग की संख्या अधिक है। इलेक्ट्रिक ट्रैक चालू होने से उनको विशेष फायदा होगा। दूसरी तरफ इलेक्ट्रिक ट्रैक चालू होने से इस रेलमार्ग पर ट्रेनों की संख्या भी बढ़कर डेढ़ गुनी हो जाएगी।
120 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ेंगी ट्रेन
इलेक्ट्रिक ट्रैक को हरी झंडी मिलने के बाद इस पर ट्रेनों की रफ़्तार भी बढ़ जाएगी। ये ट्रेनें 120 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ेंगी। अभी तक डीजल इंजन से ये 90 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ लगा रही हैं। यानी अब इलेक्ट्रिक लाइन चालू होने के बाद भरतपुर से जयपुर पहुंचने में यात्रियों को करीब 30 मिनट के समय की बचत होगी। अभी करीब 3 घंटे का समय लगता है। अब उनका यह सफ़र ढाई घंटे का हो जाएगा। भरतपुर से आगरा और बांदीकुई पहुंचने में भी 15 से 20 मिनट के समय की बचत होगी।
इसी ट्रैक से हुआ था राजस्थान में ट्रेन का प्रवेश
रेलवे अफसरों के अनुसार ईदगाह (आगरा) से बांदीकुई तक का रेलवे ट्रैक प्रदेश में सबसे पुराना है। यह लाइन सन 1874 में डाली गई थी। तब यहीं से पहली बार ट्रेन का राजस्थान में प्रवेश हुआ था, लेकिन इस ट्रैक का इलेक्ट्रिफिकेशन काफी बाद में हुआ। इस रेलवे मार्ग का इलेक्ट्रिफिकेशन करीब डेढ़ साल पहले पूरा हो गया था। ट्रॉयल के बाद सीआरएस ने ट्रेन चलाने की हरी झंडी भी दे दी थी, लेकिन तब प्रशासन ने जयपुर-दिल्ली के बीच इलेक्ट्रिक ट्रेन शुरू कर दी थी। इसलिए भरतपुर का मामला टल गया था। अब करीब डेढ़ साल के इंतजार के बाद इस रूट पर इलेक्ट्रिक ट्रेन शुरू हो गई है।