झूठा निकला जैन साध्वी के अपहरण का मामला, ब्रह्मकुमारी संस्थान से जुड़े लोगों के साथ गई थी

जोधपुर 

जोधपुर में जिस जैन साध्वी के अपहरण का मामला सामने आया था, दरअसल वह साध्वी अपनी मर्जी से ब्रह्मकुमारी संस्थान से जुड़े लोगों के साथ चली गई थी। साध्वी ने पुलिस को दिए बयानों में कहा कि उसका अपहरण नहीं हुआ।

आपको बता दें कि जोधपुर के महामंदिर स्थित एक स्थानक से जैन साध्वी के गायब होने पर समाज की ओर से अपहरण की आशंका जताई गई थी। कार में आए दो पुरूष और दो महिलाओं ने मिलकर इस जैन साध्वी का अपहरण किया। घटना की जानकारी मिलते ही हड़कंप मच गया। पुलिस ने पूरे प्रदेश में नाकाबंदी करवाई। रात को कार सीकर के फतेहपुर में पकड़ी गई। जैन साध्वी दस्तयाब करने के साथ कार सवार चार लोगों को वहां की पुलिस ने हिरासत में लिया है।

महामंदिर थानाधिकारी लेखराज सिहाग के अनुसार 21 वर्षीय साध्वी अनुया ने पुलिस को दिए अपने बयान में कहा है कि वे स्वेच्छा से इन चार लोगों के साथ गई थी। मेरे ऊपर किसी प्रकार का दबाव नहीं था। ये सभी चारों लोग (दो महिलाएं व दो पुरुष) ब्रह्मकुमारी से जुड़े हैं। साध्वी ने इन लोगों के साथ ही जाने की इच्छा व्यक्त की है। फिलहाल साध्वी सहित पांचों लोग महामंदिर पुलिस थाने में है। इनके बयान चल रहे हैं।

अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि जैन साध्वी आखिरकार ब्रह्मकुमारी संस्थान के लोगों से किस तरह से संपर्क में आई। साध्वी ने पुलिस के समक्ष अभी तक इस बारे में खुलकर कुछ कहा नहीं है। साध्वी अनुयाजी के बचपन में ही माता पिता गुजर गए थे। फिर 13 साल की उम्र की साध्वी बन गई थी। वह वर्तमान में जैन स्थानक महामंदिर प्रथम पोल पर ही रहती थी।

अब जैन समाज करेगा फैसला
इस बीच जैन समाज से जुड़े लोगों का कहना है कि यदि साध्वी समय रहते बता देती कि उसे ब्रह्मकुमारी के साथ रहना है तो हम लोग उसे ससम्मान विदा कर देते। इस तरह चुपके से गायब होने पर संशय पैदा हो गया। समाज के लोग अब साध्वी के बारे में मिलकर फैसला करेंगे।


 

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