भरतपुर
राजस्थान के विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों में वर्षों से पढ़ा रहे अतिथि शिक्षकों का सब्र शुक्रवार को टूट गया। भरतपुर कलेक्ट्रेट के बाहर राजस्थान विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय अतिथि शिक्षक संघ ने धरना देकर वेतन और नियमितीकरण की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।
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धरने में प्रदेशभर से आए शिक्षकों ने सरकार पर वादा निभाने में नाकामी का आरोप लगाया। संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. केसरीमल निनामा ने कहा कि “वर्ष 2021 से विद्या संबल योजना के तहत लगभग 2500 सहायक आचार्य कार्यरत हैं। सभी का चयन यूजीसी 2018 नियमों के तहत हुआ, लेकिन उनका बेसिक वेतन पहले 45,000 से घटाकर 40,000 कर दिया गया, जबकि यूजीसी मानकों के अनुसार 57,700 रुपये मिलना चाहिए।”
अतिथि शिक्षकों का कहना था कि राज्य सरकार द्वारा खोले गए 371 कॉलेज पूरी तरह विद्या संबल योजना पर आधारित हैं, जिनमें करीब 3,000 शिक्षक कार्य कर रहे हैं।
कई कॉलेजों में तो प्रिंसिपल, सफाईकर्मी और अन्य स्टाफ तक नहीं हैं, लेकिन अभी भी अकादमिक और प्रशासनिक दोनों जिम्मेदारियां यही अतिथि शिक्षक निभा रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि सरकार नई नीतियों के जरिए उन्हें अस्थिर कर रही है और सेवाओं को स्थायी रूप से समायोजित किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन को प्रदेशभर में तेज किया जाएगा।
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