Controversial Congress
जयपुर। लगता है अब कांग्रेस में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी CM सचिन पायलट के खेमों के बीच आरपार का ‘WAR’ शुरू हो चुका है। दोनों ही खेमों के बीच एक-दूसरे के विधायकों और नेताओं के तोड़फोड़ का सिलसिला शुरू हो चुका है। पायलट के खास माने जाने वाले पूर्व मंत्री और विधायक विश्वेंद्र सिंह ने अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का हाथ वापस थाम लिया है। कांग्रेस के पिछले बगावती एपिसोड में विश्वेंद्र सिंह सचिन पायलट के साथ डटकर खड़े थे। अब विश्वेंद्र सिंह का इससे उलट एक ताजा बयान सामने आया है जिसमें वे कह रहे हैं कि वे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ हैं। उन्होंने इसके पीछे तर्क दिया कि वे गहलोत के साथ इसलिए हैं क्योंकि गहलोत को कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मुख्यमंत्री बनाया है।
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के राजनीतिक प्रबंधन का काम देख रहे खास लोग पायलट खेमे में तोड़फोड़ के प्रयासों में लगे हैं। इसी क्रम में ये खास लोग विश्वेंद्र सिंह से लगातार मिल रहे हैंं। अब इसके नतीजे भी आने शुरू हो गए हैं। पायलट कैंप के टोडाभीम से कांग्रेस विधायक पीआर मीणा भी पिछले दिनों ने सीएम गहलोत के साथ खड़े हो गए थे और गहलोत की जमकर तारीफ की थी। हालांकि उन्होंने विश्वेन्द्र की तरह पायलट के साथ रहने की बात भी कही थी। अब पायलट खेमे के विश्वेंद्र सिंह का एक बयान भी सामने आ गया है। इसमें उन्होंने साफ कहा है वे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ हैं क्योंकि उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मुख्यमंत्री बनाया है। हालांकि उन्होंने सचिन पायलट का साथ न छोड़ने की बात भी कही। उनका कहना था कि वे तो गहलोत और पायलट के मध्य सेतु का काम कर रहे हैं।
पायलट के कट्टर समर्थक विश्वेन्द्र का यह यू टर्न क्यों?
सचिन पायलट के कट्टर समर्थक रहे विश्वेंद्र सिंह के इस यू टर्न को लेकर अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं। राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि इस यू टर्न के बदले विश्वेंद्र सिंह की सरकार में दमदार वापसी हो सकती है। आपको यहां यह भी बताते चलें कि विश्वेंद्र सिंह सचिन पायलट के इतने कट्टर समर्थक रहे हैं कि उन्होंने एक बार PCC की बैठक में सचिन पायलट के समर्थन में पार्टी नेताओं से हाथ खड़े करवा दिए थे। तब से लेकर उन्होंने पायलट का साथ नहीं छोड़ा। बगावत के पिछले एपिसोड में विश्वेंद्र सिंह बाड़ेबंदी में पायलट के साथ मजबूती के साथ खड़े रहे। इस पर उन्हें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया था।
अब अनिरुद्ध का क्या?
विश्वेंद्र सिंह के इस कदम के बाद अब देखना ये है कि उनके पुत्र अनिरुद्ध क्या कदम उठाते हैं। हाल ही में भरतपुर राजपरिवार की कलह खुलकर सामने आ गई थी जिसमें अनिरुद्ध ने कहा था कि वे सचिन पायलट के लिए अपना सर भी कटवा सकते हैं। अनिरुद्ध ने तब अपने पिता विश्वेन्द्र पर अपनी मां के प्रति हिंसक होने और शराब पीने सहित कई आरोप लगाए थे। माना जा रहा है पारिवारिक विवाद ने भी विश्वेन्द्र सिंह को खेमा बदलने को मजबूर किया। ऐसा कयास लगाया जा रहा है कि विश्वेंद्र सिंह के पाला बदलने से भरतपुर राजपरिवार में कलह और बढ़ सकती है।
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