जयपुर
पर अब सवाल यह कि फिर बसपा से गद्दारी किसने की?
राजस्थान कांग्रेस में चल रहा सियासी घमासान अब दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गया है। बसपा के सिम्बल पर जीत कर कांग्रेस में गए विधायकों ने अब पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट खेमे को गद्दार बताया है और कहा है कि जिन लोगों ने पार्टी के साथ गद्दारी की और सरकार गिराने की कोशिश की, वे किस हक से हाईकमान पर दबाव बना रहे हैं। हाईकमान किस हक से उनकी बात सुन रहा है? बसपा के सिम्बल पर जीत कर कांग्रेस में गए इन विधायकों ने यह बात बताने के लिए 15 जून मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस की। पर कांग्रेस में गए ये विधायक यह बताना भूल गए कि फिर बसपा से गद्दारी किसने की? कांग्रेस में गए ये विधायक अब कह रहे हैं कि सालभर पहले हमने ही गहलोत की सरकार बचाई थी, इसलिए इनाम तो हमको मिलाना चाहिए। इस बयान के बाद कांग्रेस में जबरदस्त बवाल मच गया है। इस पर पायलट गुट ने हमला बोला है और पूछा है कि जिन लोगों ने तीन साल में तीन-तीन पार्टियां बदलीं, वे आज कांग्रेस के लिए लाठियां खाने वालों को किसके कहने से गद्दार कह रहे हैं?
बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए इन विधायकों में से एक संदीप यादव ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से कहा कि , ’सरकार हम लोगों की वजह से बची है। जिन लोगों ने सरकार बचाई हाईकमान को उन लोगों को इनाम देना चाहिए। जो लोग यह कह रहे हैं कि हमारे कार्यकर्ताओं ने सरकार बनाई है, उन कार्यकर्ताओं की मेहनत से सरकार नहीं बची।’ विधायक संदीप यादव (Sandeep Yadav) ने कहा कि गहलोत सरकार (Gehlot Government) से बगावत करने वाले 19 विधायक गद्दार थे। उन्होंने कहा कि आलाकमान को अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं करनी चाहिए और उनके खिलाफ (पायलट गुट) कार्रवाई करनी चाहिए।
‘एक-डेढ़ महीने तक होटल में कैद हम रहे तो सबसे बड़े वफादार भी हम’
बसपा से कांग्रेस में गए राजेंद्र सिंह गुढ़ा, जोगेंद्र अवाना, लाखन सिंह और संदीप यादव ने पहले अपनी बैठक की और फिर बैठक करके पायलट गुट पर एकसाथ जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि जो लोग कैबिनेट मंत्री बने वो कांग्रेस को छोड़ कर चले गए थे, लेकिन हमने सरकार को बचाया। वफादार और गैर वफादार में अंतर नहीं तो फिर क्या मतलब है। आलाकमान को यह देखना चाहिए कि वफादार और गैर वफादार कौन है। जिन लोगों ने सरकार बचाई उनका मान सम्मान रहना चाहिए। एक-डेढ़ महीने तक हम होटल में कैद रहे। लोगों के काम नहीं हुए, उसका जिम्मेदार कौन हैं? आलाकमान को इसे देखना चाहिए। चारों विधायकों ने कहा कि अब असली-नकली की पहचान की जरूरत है। कौन लोग विपरीत समय में सरकार के साथ थे। यह देखना चाहिए? बार-बार कुछ लोग पार्टी आलाकमान पर प्रेशर बना रहे हैं। जबकि उन लोगों ने सरकार को अस्थिर करने का काम किया।
सचिन खेमे की ईमानदारी पर उठाया सवाल
विधायकों ने कहा कि अशोक गहलोत हमारे नेता थे और रहेंगे। बसपा से जीतकर कांग्रेस में गए इन विधायकों ने सचिन खेमे की ईमानदारी पर सवाल उठाया और कहा की असली ईमानदार तो हम हैं क्योंकि पूरी ईमानदारी से बसपा से जीते और उसे मटियामेट करके बसपा का कांग्रेस में विलय किया और गहलोत सरकार को मजूबत किया। हमें नहीं पता था कि कांग्रेस में इस तरह नाटक होंगे। हमने पूरी ईमानदारी से बसपा का विलय किया, सुप्रीम कोर्ट की तलवार अब तक लटकी हुई है, लेकिन लेकिन यहां हमें दूसरी निगाह से देखा जा रहा जो गलत है। बताया जा रहा है कि बसपा से कांग्रेस में गए इन विधायकों नेसचिन पायलट गुट के खिलाफ मोर्चा अशोक गहलोत गुट के इशारे पर खोला है। गद्दारी वाले बयान पर कांग्रेस के भीतर बवाल होना तय माना जा रहा है। पायलट समर्थक गद्दारी वाले बयान को मुद्दा बनाएंगे।
बसपा को ख़त्म करके यह इनाम मांग रहे कांग्रेस में आए ये विधायक
पिछले वर्ष जुलाई में सचिन पायलट के बगावत के बाद बीएसपी से पाला बदल कर कांग्रेस में आए छह विधायकों के समर्थन से गहलोत सरकार संकट से बच गई थी। तब इन विधायकों में से तीन को मंत्री बनाने और बाकी को आयोग-बोर्ड में जिम्मेदारी देने की बात कही गई थी। हालांकि यह विधायक कह रहे हैं उन्होंने बिना शर्त सरकार को अपना समर्थन दिया था। अब यह लोग मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भरोसा जताने की बात कह उनसे इसका इनाम मांग रहे हैं।
पायलट गुट का पलटवार, नए लोग हम पर सवाल उठा रहे हैं
सचिन पायलट खेमे के विधायक मुकेश भाकर और राकेश पारीक ने बसपा से कांग्रेस में आए इन विधायकों के आरोपों को लेकर पलटवार किया और कहा कि आज नए लोग कांग्रेस में सवाल उठा रहे है। दोनों विधायकों ने कहा कि गद्दार तो बसपा के विधायक हैं, जो मंत्री बनना चाह रहे हैं। इनमें से किसी का भी कांग्रेस से नहीं कोई जुड़ाव नहीं रहा है। भाकर और पारीक ने कहा कि बसपा विधायकों से तीखी बयानबाजी कौन करवा रहा है। आखिर कौन चाहता है कि हम कांग्रेस से चले जाएं और कौन फूट डालना चाहता है। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी नेता हैं।अशोक गहलोत भी बड़े नेता हैं । हम सचिन पायलट के साथ हैं। हमने संगठन में काम किया। हम पायलट के साथ हैं और वे जो कहेंगे वो करेंगे। दोनों विधायकों ने यह भी कहा कि कांग्रेस का विरोध करने वालों को पदों पर नियुक्त किया गया। कवि कुमार विश्वास की पत्नी को आरपीएससी का सदस्य क्यों बनाया।
कांग्रेस के लिए जीवन खपाने वाले राजेश पायलट, शीशराम ओला, परसराम मदेरणा, नाथूराम मिर्धा का है अपमान
पायलट समर्थक विधायक मुकेश भाकर और राकेश पारीक ने संदीप यादव और साथी विधायकों पर निशाना साधते हुए कहा- जिन लोगों ने तीन साल में तीन तीन पार्टियां बदली वे आज कांग्रेस के लिए लाठियां खाने वालों को गद्दार कह रहे हैं। इन्होंने कांग्रेस के लिए जीवन खपाने वाले हमारे दिवंगत नेता राजेश पायलट, शीशराम ओला, परसराम मदेरणा, नाथूराम मिर्धा की विरासत को गाली दी है। बसपा से आए विधायक किसके कहने पर ऐसे बयान दे रहे हैं। इन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष की बनाई कमेटी पर सवाल उठा रहे हैं।
भाजपा की सौ सीटें होतीं तो वहां चिपक जाते बसपा से आए विधायक
भाकर ने कहा- कौन किसके साथ खड़ा है वक्त बताएगा। हम 18 विधायक भी चले जाएंगे तो सचिन पायलट के जनाधार पर कोई असर नहीं पड़ेगा। बसपा से आए लोग हमें खुद्दारी और गद्दारी के बारे में बता रहे हैं। वे सरकार बचाने की बात कर रहे हैं, जिन लोगों को सत्ता में रहने की आदत है वे आए हैं। कांग्रेस की 100 सीटें आईं, इसलिए आए, भाजपा की 100 सीटें होती तो वहां चिपक जाते। उन्होंने कहा कि बसपा से आने वाले छहों को मंत्री बना दीजिए लेकिन उस कांग्रेस कार्यकर्ता-नेता को नजरअंदाज नहीं कर सकते जिसने लाठियां खाई।
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