कामां नगरपालिका को शिफ्ट करने पर फूटा आक्रोश, बाजार बंद, विधायक जाहिदा खान की बताया साजिश | वीडियो में देखिए क्या कह रहे हैं लोग

कामां (भरतपुर)

कामां नगरपालिका को बाजार से दो किलोमीटर दूर यात्री विश्राम गृह में शिफ्ट करने पर कस्बे के लोगों में गुरूवार को आक्रोश फूट पड़ा। इस फैसले के खिलाफ लोगों ने बाजार बंद कर दिए और स्थानीय कांग्रेस विधायक जाहिदा खान पर आरोप जड़े और कहा कि इस शिफ्टिंग के पीछे उन्हीं की साजिश है।

व्यापारी अपने प्रतिष्ठान बंद रखकर नगरपालिका के खिलाफ विरोध जता रहे हैं। नगर पालिका प्रशासन ने रविवार को मेन मार्केट स्थित पुराने भवन से यात्री विश्राम गृह में कार्यालय को शिफ्ट कर दिया था। बताते हैं कि इसमें बोर्ड मंडल की सहमति भी नहीं ली गई। जिस जगह नगर पालिका को शिफ्ट किया गया है वह कस्बे से करीब दो किमी दूर है। इससे व्यापारियों में आक्रोश है और  विरोध स्वरूप उन्होंने गुरूवार को पूरे कस्बे के बाजारों को बंद कर दिया।

व्यापारियों का कहना है की पहले कामां नगर पालिका कस्बे के मेन मार्केट में थी। नगर पालिका ने 7 महीने पहले पूरी बिल्डिंग की मरम्मत करवाई। इसके अलावा कुछ कमरे भी बनवाए। जिसकी लागत करीब 1 करोड़ रुपए आई। उसके बाद भी नगर पालिका को रातों रात 2 किलोमीटर दूर यात्री विश्राम गृह में शिफ्ट कर दिया गया। ऐसे में  व्यापारियों को अपने काम करवाने के लिए 2 किलोमीटर दूर जाना पड़ेगा। पहले नगर पालिका पास होने के कारण उनके उन्हें आसानी रहती थी।

यात्री विश्राम गृह में सिर्फ 2 कमरे हैं और जहां पहले नगर पालिका चल रही थी उस बिल्डिंग में 10 कमरे हैं। 10 कमरों की बिल्डिंग छोड़कर नगर पालिका 2 कमरों में शिफ्ट हो गई। इसके खिलाफ बुधवार को पार्षद लक्ष्मण सैनी, तरुणलता, माया देवी, रेखा शर्मा, पुष्पा गोयल, सोमदत्त जांगिड़, सपना अरोड़ा, पूरन कोली, महेश शर्मा, सीमा गोयल, डॉक्टर हजारीलाल, अंगना सैनी, लक्ष्मी गुर्जर, जहीरा खान, किशोर तिवारी आदि पार्षदों के हस्ताक्षरों से युक्त उपखण्ड अधिकारी दिनेश शर्मा को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी  सौंपा गया था।

कहीं पुराने भवन को बेचने की साजिश तो नहीं?
सूत्रों का कहना है कि नगर पालिका के पुराने भवन को शहर से दूर शिफ्ट करने का कोई औचित्य नहीं था क्योंकि एक तो पुराना भवन बाजार के अंदर ही था जिससे लोगों को कामकाज में सहूलियत होती थी। वहीं जगह भी पर्याप्त थी और करीब एक करोड़ रुपए खर्च करके इस भवन का जीर्णोद्धार किया गया था। लोगों की सहूलियत को देखते हुए ही प्रदेश की ज्यादातर नगर पालिकाएं बाजार के मध्य में ही स्थित हैं।

सूत्रों ने आशंका जताई कि बिना कोई तर्कसंगत कारणों के इतनी दूर शिफ्ट करने के पीछे नगर पालिका के पुराने भवन को अपने चहेतों को बेचने की मंशा हो सकती है। इस मामले में कांग्रेस की स्थानीय विधायक जाहिदा खान पर अंगुली उठ रही है। सूत्रों ने यह भी बताया कि कस्बे के लोगों की पहुंच से दूर हो जाने पर पालिका प्रशासन से जुड़े लोगों को गड़बड़ियां करने का खुला मौका भी मिल जाएगा।

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