मुरैना
पंजाब नेशनल बैंक (PNB) की बागचीनी शाखा में एक सनसनीखेज घोटाले का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें बैंक मैनेजर अजय कुमार भट्ट और कृषि अधिकारी कुनाल नाग ने मिलकर ₹95 लाख से ज्यादा की राशि का गबन किया। यह घोटाला किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के नाम पर फर्जी खातों और कूटरचित दस्तावेजों के जरिये अंजाम दिया गया।
आर्थिक अपराध शाखा (EOW) की जांच में खुलासा हुआ कि 6 अक्टूबर 2007 से 21 मार्च 2011 के बीच कुल 50 फर्जी खातों में केसीसी लोन दर्शाकर ₹95,31,000 की हेराफेरी की गई। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि इनमें से 45 कथित लाभार्थी पूरी तरह फर्जी पाए गए, जबकि बाकी 5 लोगों ने खुद यह स्वीकार किया कि उन्होंने कभी केसीसी लोन लिया ही नहीं।
इस धोखाधड़ी का भंडाफोड़ तब हुआ जब बैंक के जोनल प्रमुख एस.के. जुत्शी और तत्कालीन शाखा प्रबंधक आर.एल. जोनवार ने आर्थिक अपराध शाखा को पूरे मामले की शिकायत दी। इसके बाद EOW ने गहन जांच शुरू की और दस्तावेजों की जांच में कूटरचना और आपराधिक षड्यंत्र की पुष्टि हुई।
EOW ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं – 420 (धोखाधड़ी), 409 (आपराधिक विश्वासघात), 467-468 (जालसाजी), 120बी (षड्यंत्र) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है।
सूत्रों के मुताबिक, दोनों आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी हो सकती है, क्योंकि EOW की प्रारंभिक रिपोर्ट में उन्हें प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया है। इस पूरे घटनाक्रम ने सरकारी बैंकों में निगरानी की गंभीर खामियों को उजागर किया है, जिस पर अब कठोर कार्रवाई की मांग उठ रही है।
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