चंडीगढ़
डेमोक्रेटिक मेडिकल एसोसिएशन (DMA India) ने हरियाणा राज्य के सरकारी अस्पतालों में कार्यरत आयुष्मान मित्रों को न्यूनतम वेतन से कम मानदेय दिए जाने के मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाया है। संगठन ने इस पर स्वास्थ्य मंत्री कुमारी आरती सिंह राव, अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल, आयुष्मान भारत–हरियाणा स्वास्थ्य संरक्षण प्राधिकरण, और हरियाणा मानवाधिकार आयोग को औपचारिक शिकायत भेजी है।
राष्ट्रीय महासचिव डॉ. शुभ प्रताप और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. भानु ने बताया कि राज्य में आयुष्मान मित्रों को मात्र ₹5,000 प्रतिमाह मिल रहा है, जबकि चंडीगढ़ में अधिसूचित न्यूनतम वेतन ₹24,222/- है।
उन्होंने कहा—
“यह न केवल Minimum Wages Act, 1948 का उल्लंघन है, बल्कि NHA के गाइडलाइन और राज्य सरकार के मानव संसाधन प्रावधानों के भी विपरीत है।”
डीएमए के प्रतिनिधि डॉ. अमित व्यास, डॉ. शुभ और डॉ. भानु ने कहा कि विभागों के बीच समन्वय की कमी के चलते आयुष्मान मित्रों की स्थिति आज भी दयनीय है।
“कई बार अनुरोध करने के बावजूद आयुष्मान मुख्यालय की तरफ से कोई समाधान नहीं आया,” उन्होंने कहा।
डीएमए ने पत्र में स्पष्ट लिखा है कि ₹5,000 में जीवनयापन असंभव है, और यह स्थिति Forced Labour (बंधुआ मजदूरी) की श्रेणी में आती है, जो संविधान के अनुच्छेद 21 और 23 का सीधा उल्लंघन है।
डीएमए इंडिया की माँगें
आयुष्मान मित्रों को न्यूनतम वेतन तुरंत लागू किया जाए।
सभी आयुष्मान मित्रों को यूनिफॉर्म और आधिकारिक ID कार्ड उपलब्ध कराए जाएँ।
जिम्मेदार अधिकारियों की जाँच और कार्यवाही हो।
राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. व्यास ने कहा—
“हमारा उद्देश्य टकराव नहीं, बल्कि न्यायपूर्ण वेतन और गरिमापूर्ण कार्य-परिस्थितियाँ सुनिश्चित करना है।”
नई हवा की खबरें अपने मोबाइल पर नियमित और डायरेक्ट प्राप्त करने के लिए व्हाट्सएप नंबर 9460426838 सेव करें और ‘Hi’ और अपना नाम, स्टेट और सिटी लिखकर मैसेज करें। आप अपनी खबर या रचना भी इस नंबर पर भेज सकते हैं।
विश्वविद्यालय में ‘खजाने’ की लूट, कुलपति समेत शीर्ष अफसरों के खिलाफ FIR के आदेश, वसूली भी होगी
‘नई हवा’ की खबरों को Subscribe करने के लिए हमारे WhatsApp Channel से जुड़ें।
