B.Voc को सूची में शामिल करना भूली राजस्थान सरकार !

जयपुर  |  नई हवा संवाददाता  |


 

माध्यमिक शिक्षा विभाग राजस्थान की निगाह में शायद व्यावसायिक शिक्षा में दी जाने वाली B.Voc डिग्री की कोई अहमियत नहीं है। शायद इसीलिए यह विभाग अपनी हितकारी निधि से अपने ही विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों के उन बच्चों को कोई सहायता मुहैया नहीं करा रहा जो यह डिग्री कर रहे हैं। इससे विभाग के लाखों कर्मचारियों और अधिकारियों के हजारों बच्चे प्रभावित हो रहे हैं।




कर्मचारी हितकारी निधि से नहीं मिल पा रही सहायता








शिक्षा विभाग के कर्मचारी और अधिकारी परेशान 





B.voc भारत सरकार से मान्यता प्राप्त एक प्रोफेशनल डिग्री है। इसका मुख्य मकसद रोजगार के अवसर प्रदान करना है जिससे युवाओं के अंदर छिपे हुनर को सामने लाया जा सके। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने पहले प्रधानमंत्रित्व काल में इस डिग्री को शुरू करने की घोषणा की थी।


यह है मामला 

राजस्थान के माध्यमिक शिक्षा विभाग ने  कर्मचारी हितकारी निधि का गठन कर रखा है। इसमें विभाग के राजपत्रित अधिकारियों और व्याख्याताओं के वेतन से पांच सौ रुपए व अन्य समस्त अराजपत्रित कर्मचारियों के वेतन से ढाई सौ रुपए सालाना कटौती की जाती है। इस निधि से विभाग के कार्मिकों के 500 बच्चों को व्यावसायिक शिक्षा में अध्ययन करने पर दस हजार रुपए सालाना की मदद दी जाती है। अन्य कई मामलों में भी इस निधि से मदद की जाती है। पर राजस्थान में इस निधि से व्यावसायिक शिक्षा में डिग्री करने वाले विभागीय कर्मचारियों के बच्चे इस निधि से मदद प्राप्त करने को परेशान हो रहे हैं।


 

इसलिए हो रहे हैं परेशान

माध्यमिक शिक्षा विभाग राजस्थान ने व्यावसायिक शिक्षा में अभी केवल मेडिकल, इंजीनियरिंग , मैनेजमेंट,बीएड, एसटीसी, नर्सिंग और सीए की पढ़ाई को शामिल कर रखा है और हितकारी निधि से इन्हीं की पढ़ाई करने वालों को लाभ देय है। B.voc में डिग्री 2014 में शुरू हुई थी। यह भी व्यावसायिक शिक्षा का कोर्स है। पर राजस्थान का शिक्षा विभाग B.voc डिग्री को अपनी व्यावसायिक कोर्स की सूची में शामिल करना भूल गया। नतीजतन कर्मचारी और अधिकारियों के B.voc की डिग्री करने वाले बच्चों को विभाग की हितकारी निधि से कोई मदद नहीं मिल पा रही। विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों का कहना है कि B.voc करने वाले उनके बच्चों को भी हितकारी निधि की सुविधा मिलनी चाहिए। ऐसे कर्मचारियों और अधिकारियों के सामने समस्या ये आ रही है कि जब वे हितकारी निधि में आवेदन करते हैं तो आवेदन पत्र में B.voc का कोई जिक्र ही नहीं है। इस कारण वे आवेदन ही नहीं भर पाते।