‘पत्नी की फटकार’

पत्नी की फटकार सुनी जब,
तुलसी भागे छोड़ मकान l
राम चरित मानस रच डाला

‘डरना मुझको स्वीकार नहीं’

जीते जी ही डर-डर कर
है मरने की दरकार नहीं।
है मौत सामने अगर खड़ी …

‘ढाई अक्षर’ का कमाल

जन्म से लेकर मृत्यु तक
हम बंधे हैं ढाई अक्षर में
ढाई अक्षर ही वक्त में
और ढाई अक्षर ही अन्त में।
समझ न पाया कोई भी
है रहस्य क्या ढाई अक्षर में।
पढ़िए ‘ढाई अक्षर’ का कमाल …