दादा जी, माफ कर देना …

श्राद्ध पक्ष शुरू हो गए थे। घर में बड़ी श्रद्धा से पितरों के लिए श्राद्ध किए जा रहे थे। उस दिन दादा जी के श्राद्ध पर सुबह से उनकी पसंद का खाना बन रहा था। सुरभि को बार – बार याद आ रहा था कि जब तक दादा जी

‘सब के लिए खिलौने’

डॉ. अलका अग्रवाल (Dr. Alka Agarwal) की पुस्तक ‘सब के लिए खिलौने’ एक महत्वपूर्ण बाल नाटक संकलन है ,जो आधुनिक बच्चों की शैक्षणिक और नैतिक आवश्यकताओं को पूरा करता है। इसके सभी नाटकों के प्रमुख पात्र

 ‘समस्याएं और ट्रैफिक’

ये जीवन की छोटी बड़ी समस्याएं,
और सड़क का ट्रैफिक,
बिल्कुल समान है एक दूसरे के,
निकलते ही घर से,
देखती हूं दूर से,

रौनक…

सुबह उठी तो कुछ शोर सा सुनाई दिया । मेरे सामने के मकान में कॉलेज के सेवनिवृत्त प्राचार्य रहते हैं, उनके यहां चोरी हो गई थी। पड़ोस वाली आंटी से बात करने पर पता चला कि चोर खिड़की तोड़कर अंदर घुसे थे।…. शायद उन्हें कुछ

दाक्षायणी से दक्षिणामूर्ति प्रिया | अनुपम, अलौकिक एवं अद्भुत प्रणय गाथा

डॉ. डी. डी. गोयल कृत दाक्षायणी से दक्षिणामूर्ति प्रिया शिव-सती-पार्वती की अलौकिक प्रेमगाथा का भावसमृद्ध, सरस और साहित्यिक पुनर्पाठ है, जो श्रीरामचरितमानस (बालकाण्ड) के शिव-सती

राखी बंधवाने आ जाओ…

मैं छोटी हूँ एक परी सी
हूँ मैं तेरी बहना,
राखी बंधवाने आ जाओ

आदमी और जानवर …

अभी तक तो मैंने
आदमखोर शेर का
नाम ही सुना था।
लेकिन अब तो
देख लिया ऐसे लोगों को

रेशमी धागे …

फोन पर जब भाभी ने बताया कि उसकी राखी अभी तक नहीं पहुंची है तो सुनयना का मन उदास हो गया। उसे तो राखी भेजे पंद्रह दिन हो गए। कुछ दिन पहले मम्मी की देखभाल को लेकर

‘अनुराग – 31’ के अंतर्गत 31 साहित्यकारों को मिलेगा सम्मान | अनुराग सेवा संस्थान देगा ‘साहित्य श्री सम्मान 2025’

अनुराग सेवा संस्थान लालसोट द्वारा आयोजित ‘अनुराग – 31’ के अंतर्गत 31 हिंदी साहित्यकारों को सम्मानित किया जाएगा। श्रेष्ठ साहित्यकार को मिलेगा

पिता का साया…

आज सुबह जैसे ही उमा चाय पीने बैठी उसका मोबाइल बज उठा। भाभी का फोन देख कर उसे चिंता हुई। दो तीन दिन से भाई रमन की तबियत ठीक नहीं थी। फोन उठाते ही भाभी रो पड़ीं, ” उमा तुम्हारे भैया हमें छोड़ गए ” ‘ इतनी तो