भरतपुर
भरतपुर शहर व्यापार संघ की V. C से हुई एक बैठक में व्यापारियों के वर्तमान हालात पर चिंता जाहिर करते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री से मध्यम वर्ग व्यापारी के बैंक लोन, ब्याज, बिजली बिलों इत्यादि में राहत के साथ-साथ व्यापारियों को विशेष राहत पैकेज देने की मांग की गई। व्यापार संघ के शहर अध्यक्ष भगवान दास बंसल की अध्यक्षता में इस बैठक में इस पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया गया कि स्थानीय जन प्रतिनिधि से लेकर सरकार तक कोई भी व्यापारियों के आँसू पोंछने वाला नहीं है। लगता है कि मध्यम वर्ग होना एक गुनाह हो गया है।
बैठक में जिला मंत्री बन्टू भाई, चंदा पंडा (पार्षद), जिला प्रवक्ता विपुल शर्मा, शहर सह अध्यक्ष अशोक शर्मा, बयाना व्यापार संघ अध्यक्ष विनोद सिंघल, लोहिया व्यापर संघ कांमा के अध्यक्षआदि पदाधिकारी शामिल हुए। बैठक में विपुल शर्मा ने कहा कि वर्तमान में व्यापार बंद होने के कारण व्यापारियों की आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो रही है। लेकिन व्यापारी को समझ नहीं आ रहा है कि वह किसके आगे अपना दुखड़ा रोए। वह मजबूरन चिंता से हर रोज तिल- तिल मर रहा है, क्योंकि स्थानीय जन प्रतिनिधि से लेकर सरकार तक कोई भी व्यापारियों के आँसू पोंछने वाला नहीं है। लगता है कि मध्यम वर्ग होना एक गुनाह हो गया है। व्यापारियों ने आरोप लगाया कि सरकार का पूरा ध्यान गरीब की वाहवाही लूटने (वोट बैंक) के चक्कर में है और पूंजीपतियों के साथ मिलकर मध्यम वर्ग व्यापारी को पीसने में लगी हुई है। जबकि व्यापारी वर्ग भी गरीबों की मदद करता है और आगे भी जारी रहेगा, लेकिन अब व्यापारी खुद परिवार की जरूरत पूरी नहीं कर पा रहा है। व्यापारी को भी इन विषम परिस्थितियों में मदद की जरूरत है। जब व्यापार बंद हैं, तो फिर व्यापारी के बैंक (लोन, लिमिट) की ब्याज, बंद दुकानों के बिजली के बिल, बच्चों की स्कूल फीस, कर्मचारियों की तनख्वाह, ये सब चालू हैं।
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व्यापारियों से ये ज्यादती क्यों?
बैठक में व्यापारी नेताओं ने कहा कि मध्यम वर्ग व्यापारी व मजदूर वर्ग के काम धंधों को बंद कर बिना कोई राहत दिए उनको भगवान् भरोसे छोड़ दिया गया है। सरकार कमजोर मध्यम व्यापारी / मजदूर वर्ग के असंगठित होने के कारण उनसे ज्यादती कर रही है। राजनेता केवल दिखावे के हितैषी बने हुए हैं। 543 लोकसभा सांसद, 245 राज्य सभा सांसद, 4116 विधायक सहित इनकी कुल संख्या 4906 है जो कि अधिकांश करोड़पति हैं। यदि ये सभी 10 – 10 लाख दें तो ये रकम 4अरब 90 करोड़ 60 लाख रुपए बनती है। इससे सभी वर्ग के गरीबों, मध्यम, मजदूर की भलीभांति मदद की जा सकती है। बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री से मांग की गई कि मध्यम वर्ग व्यापारी के बैंक लोन, ब्याज, बिजली बिलों इत्यादि में राहत के साथ- साथ व्यापारियों को विशेष राहत पैकेज दिया जाए।