भरतपुर
भरतपुर जिला व्यापार महासंघ ने उठाई मांग
भरतपुर जिला व्यापार महासंघ की V. C. के जरिए हुई एक मीटिंग में लॉकडाउन के कारण बंद बंद व्यापार व बंद दुकानों के बिजली के बिलों को माफ़ करने की मांग की गई। बैठक में कहा गया कि आज जब पूरे राजस्थान में लॉकडाउन लगा हुआ है, किराना, डेयरी, मेडिकल से संबंधित ट्रेड को छोड़कर, लगभग अन्य सभी ट्रेड की दुकानें बंद हैं। इन विषम परिस्थितियों में व्यापारियों को अपने परिवार को पालना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में बंद व्यापार व बंद दुकानों के बिजली के बिल को सरकार द्वारा माफ कर देना चाहिए। वैसे भी बंद ट्रेडर्स के व्यापारियों को सरकार द्वारा किसी प्रकार की राहत नहीं दी गई है।
मुख्यमंत्री के नाम देंगे ज्ञापन
मीटिंग में जिला व्यापार महासंघ के पदाधिकारियों ने इसी संदर्भ में मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को अपनी समस्याओं से अवगत कराते हुए एक ज्ञापन देने और जिले के सांसद व चिकित्सा राज्य मंत्री को भी अवगत कराने का निर्णय किया गया। साथ ही बिजली कंपनी बीई एसएल व सरकार से इस बारे में व्यापारिक हित को ध्यान में रखते हुए विचार करके शीघ्र ही उचित निर्णय लेने की मांग की है।
महासंघ के जिलाध्यक्ष संजीव गुप्ता कीअध्यक्षता में हुई इस मीटिंग में वरिष्ठ उपाध्यक्ष मोहनलाल मित्तल, जिला महामंत्री नरेन्द्र गोयल, शहर अध्यक्ष भगवान दास बंसल, जिला प्रवक्ता विपुल शर्मा, बयाना व्यापार संघ अध्यक्ष विनोद आदि पदाधिकारी शामिल हुए। मीटिंग में कोरोना काल में व्यापारियों की स्थिति पर विचार विमर्श किया गया। इसमें मुख्य रूप से बंद दुकानों के आ रहे बिजली के बिलों को लेकर चर्चा हुई।
महासंघ के जिला प्रवक्ता विपुल शर्मा ने बताया कि बिलों की भुगतान तिथि के बारे में जब besl भरतपुर चीफ़ जयंत चौधरी जी से जिलाध्यक्ष ने इस बारे में फ़ोन से बात की तो, उन्होंने अपनी असमर्थता जताते हुए कहा कि ये पावर मेरे हाथ में नहीं है। इसके बारे में सरकार से बात करें। जिला व्यापार महासंघ ने सरकार से मांग की कि लॉक डाउन के चलते जिन ट्रेडर्स के व्यापार बंद हैं, उन सभी के, जब तक लॉक डाउन जारी है तब तक के बिजली बिलों को माफ किया जाए। सभी बंद ट्रेडर्स के व्यापारियों को, अनुमत ट्रेडर्स के व्यापारियों की तरह ऑप्शनल दिनों में दुकानें खोलने की अनुमति दी जाए।
बंद दुकानों में डाले जा रहे बिल तो पेनल्टी क्यूं?
महासंघ ने मांग की कि व्यापारी को किसी भी प्रकार की राहत अगर सरकार देने के मूड में नहीं है तो कम से कम जो बिल बंद शटर के नीचे से बिजली विभाग द्वारा सरका दिए गए हैं जिनकी भुगतान के अंतिम तिथि लॉकडाउन पीरियड में है, उन बिलों के जमा कराने की अंतिम तिथि लॉक डाउन खुलने के कम से कम 15 दिन बाद की जाए। महासंघ ने कहा कि बिल निकालने के लिए दुकान खोलते हैं तो, प्रशासन दण्डित करता है और बिल नहीं भरते हैं तो विलम्ब शुल्क भुगतना पड़ेगा। जबकि आज की स्थति में व्यापारी किसी भी तरह का आर्थिक भार सहने की स्थिति में नहीं है।
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